जीएसटी करदाताओं को बड़ी राहत, रिटर्न में अब कर सकेंगे संशोधन; एक्सपर्ट ने भी की फैसले की तारीफ
जीएसटी करदाताओं को अब एक महीने या तिमाही करों के भुगतान से पहले बिक्री रिटर्न फार्म जीएसटीआर-1 में संशोधन का विकल्प मिलेगा। जीएसटी परिषद की शनिवार को हुई बैठक में करदाताओं को जीएसटीआर-1 में विवरण संशोधित करने या अतिरिक्त विवरण जोड़ने की सुविधा के लिए फार्म जीएसटीआर-1ए के माध्यम से एक नई वैकल्पिक सुविधा देने की सिफारिश की थी। एक्सपर्ट ने इसे सकारात्मक बदलाव बताया है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। जीएसटी करदाताओं को अब एक महीने या तिमाही करों के भुगतान से पहले बिक्री रिटर्न फार्म जीएसटीआर-1 में संशोधन का विकल्प मिलेगा। जीएसटी परिषद की शनिवार को हुई बैठक में करदाताओं को जीएसटीआर-1 में विवरण संशोधित करने या अतिरिक्त विवरण जोड़ने की सुविधा के लिए फार्म जीएसटीआर-1ए के माध्यम से एक नई वैकल्पिक सुविधा देने की सिफारिश की थी।
हालांकि, उक्त कर अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी में रिटर्न दाखिल करने से पहले जीएसटीआर-1ए दाखिल करना होगा। वर्तमान में जीएसटी करदाता अगले महीने के 11वें दिन तक बिक्री रिटर्न फार्म जीएसटीआर-1 दाखिल करते हैं। वहीं पांच करोड़ रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले करदाता तिमाही खत्म होने के 13 दिन पहले जीएसटीआर-1 दाखिल कर सकते हैं।
फैसले पर क्या है एक्सपर्ट की राय?
शार्दूल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर रजत बोस ने कहा कि अनुपालन के नजरिए से परिषद द्वारा की गई सिफारिश एक सकारात्मक बदलाव है और इससे व्यापार करने में आसानी होगी। वहीं, केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख और पार्टन अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटीआर-1 में की गई फाइलिंग में संशोधन की सुविधा देने से करों के भुगतान से पहले होने वाली लिपिकीय और अनजाने में होने वाले गलतियों को सुधारने का एक अच्छा कदम है।
जीएसटी काउंसिल ने यह भी सिफारिश की है कि दो करोड़ रुपये तक का कुल वार्षिक कारोबार करने वाले करदाताओं को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीएसटीआर-9/9ए फार्म में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने से छूट दी जाए। साथ ही, काउंसिल ने कई ऐसी सिफारिशें की हैं, जिससे कारोबारियों की मुश्किलें कम होंगी। इनमें सरकारी मुकदमे कम करने से लेकर जीएसटी को सरल करने की बात शामिल है।
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