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बिक्री लक्ष्य को पाने के लिए खरीदे गए सामानों पर किया सकता है ITC दावा,GST AAR ने दिया निर्णय

Input Tax Credit जीएसटी अग्रिम निर्णय प्राधिकरण ने इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर फैसला सुनाया है। कई सामानों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया जा सकता है। कोई गिफ्ट में शामिल सामानों पर किसी भी तरह का कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं लगाया जाएगा। इस रिपोर्ट में इस फैसले के बारे में विस्तार से जानते हैं। (जागरण फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sun, 03 Sep 2023 01:44 PM (IST)
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बिक्री लक्ष्य को पाने के लिए खरीदे गए सामानों पर किया सकता है ITC दावा
 नई दिल्ली, एजेंसी। जीएसटी अग्रिम निर्णय प्राधिकरण ने इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि सोने के सिक्कों और वाइट गुड्स जैसी महंगी वस्तुओं को पूर्व-निर्दिष्ट बिक्री यानी प्री-स्पेसिफाइड सेल्स के लिए खरीदने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा कर सकते हैं।

इस फैसले के लिए ओरिएंट सीमेंट लिमिटेड ने एएआर से संपर्क किया था। उन्होने कहा था कि डीलरों को सोने के सिक्कों और सफेद वस्तुओं यानी घरेलू वस्तुओं के वितरण इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया जा सकता है। कई कंपनी ग्राहकों को मासिक/त्रैमासिक को लेकर कई छूट भी देती है। कंपनी अपने सेल्स को बढ़ाने के लिए कई तरह की योजना चलाती है।

इसके बाद एएआर ने यह नोट किया कि आवदेक और प्राप्तकर्ताओं के बीच हुए समझौते के अनुसार ही सोने के सिक्कों और घरेलू वस्तुओं को खरीद रहा है। इस समझौते में कुछ शर्तें भी शामिल होती है। इन वस्तुओं को उपहार नहीं माना जाएगा। इसकी वजह यह है कि कोई भी उपहार में किसी भी तरह से कोई शर्त नहीं लगाया जाता है। ऐसे में इन सामानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं किया जाएगा। एएआर ने 24 अगस्त को आदेश दिया था।

ईवाई टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि

ओरिएंट सीमेंट लिमिटेड के मामले में कर्नाटक के एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने माना है कि प्रमोशनल एक्सपेंस जैसे कि सोने के सिक्के, गोदरेज डिजिटल सेफ लॉकर आदि को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं किया जाना चाहिए। इसे उपहार के रूप में माना जाना चाहिए।

इसके अलावा यह स्पष्ट है कि प्रमोशनल एक्सपेंस के वितरण को आपूर्ति माना जाना चाहिए। यह फैसला पिछले फैसलों के विपरीत है और उद्योग को इस मामले पर जीएसटी परिषद (GST Council) से और स्पष्टीकरण का इंतजार करना चाहिए।

केपीएमजी के पार्टनर और राष्ट्रीय प्रमुख, अप्रत्यक्ष कर, अभिषेक जैन ने कहा कि

यह फैसला उपहारों के लिए लक्ष्य संचालित प्रचार उत्पादों के भेद को बरकरार रखता है और ऐसे उपहारों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुमति देता है। विपरीत अग्रिम फैसलों यानी जहां इसे उपहार के रूप में रखा गया है और आईटीसी को अस्वीकार कर दिया गया है इस तरह के मुद्दे पर एक सक्रिय स्पष्टीकरण जारी करने पर विचार कर सकती है।