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NPCI गूगल पे, फोन पे और दूसरे UPI ऐप्स के उपयोग को सीमित करने के लिए लाया नया नियम, 1 जनवरी से होगा लागू

UPI Apps नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स पर 30 फीसद कैप लगाने से इन ऐप्स का यूपीआई लेनदेन के मामले में एकाधिकार नहीं बन पाएगा। इस फैसले से आने वाले समय में थर्ड पार्टी ऐप के एकाधिकार को रोका जा सकेगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Updated: Sat, 07 Nov 2020 08:06 AM (IST)
U P I लेनदेन के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। गूगल पे, पेटीएम, फोन पे आदि थर्ड पार्टी पेमेंट ऐप्स के माध्यम से यूपीआई पेमेंट करने वालों के लिए बड़ी खबर है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स पर एक जनवरी, 2021 से 30 फीसद कैप लगाने का निर्णय लिया है। एनपीसीआई ने थर्ड पार्टी ऐप्स के एकाधिकार को खत्म करने के लिए यह निर्णय लिया है। एनपीसीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह बात कही।

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नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स पर 30 फीसद कैप लगाने से इन ऐप्स का यूपीआई लेनदेन के मामले में एकाधिकार नहीं बन पाएगा। इस फैसले से आने वाले समय में थर्ड पार्टी ऐप के एकाधिकार को रोका जा सकेगा।

सरकार द्वारा बताया गया है कि देश में हर महीने करीब 200 करोड़ यूपीआई लेनदेन हो रहे हैं। ये यूपीआई लेनदेन विभिन्न पेमेंट्स ऐप्स के माध्यम से हो रहे हैं। सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में देश में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा और बढ़ेगा।

यह डिजिटल भारत के लक्ष्य के लिए एक अच्छा संकेत है। लेकिन ऐसे में यूपीआई लेनदेन के मामले में किसी एक थर्ड पार्टी ऐप के एकाधिकार की भी गुंजाइश है, जो कि सही नहीं है। इसे देखते हुए ही NPCI ने यह निर्णय लिया है कि किसी भी एक थर्ड पार्टी ऐप को कुल वॉल्यूम के अधिकतम 30 फीसद लेनदेन की ही इजाजत होगी।

इसका मतलब है कि अगर अगले साल से हर महीने देश में 200 करोड़ यूपीआई लेनदेन होते हैं, तो इसका तीस फीसद अर्थात 60 करोड़ लेनदेन ही किसी एक थर्ड पार्टी ऐप प्लेटफॉर्म पर एक महीने में हो सकते हैं।

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