NPCI ने किया वैश्विक फिनटेक कंपनी PPRO से समझौता, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो सकेगा भारतीय UPI सेवाओं का विस्तार
NIPL ने भारत के डिजिटल भुगतान आधार को बढ़ाने के लिए वैश्विक आधार पर डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाली फर्म PPRO के साथ सहयोग किया है। NIPL नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की अंतरराष्ट्रीय शाखा के तौर पर काम करती है।
By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Thu, 18 Nov 2021 07:36 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की अंतरराष्ट्रीय शाखा NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने, वैश्विक आधार पर डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाली फर्म PPRO के साथ समझौता किया है। NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने बुधवार को बयान देते हुए यह कहा कि, उसने भारत के डिजिटल भुगतान के विकास को और भी अधिक बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर स्थानीय भुगतान बुनियादी ढांचा प्रदान करने वाली फिनटेक फर्म PPRO के साथ सहयोग किया है।
NIPL ने एक बयान जारी करते हुए यह कहा कि, "इस समझौते का उद्देश्य PPRO के वैश्विक ग्राहकों जैसे कि भुगतान सेवा प्रदाताओं (पीएसपी) और वैश्विक व्यापारी अधिग्रहणकर्ताओं के साथ मिलकर रुपे कार्ड और UPI सेवा का विस्तार करना है। लगभग 777 मिलियन भारतीय ऑनलाइन उपभोक्ताओं में से एक तिहाई से भी अधिक उपभोक्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेन देन करते हैं। जिसमें से लगभग 50 फीसद लेनदेन ऑनलाइन माध्यम से अमेरिका और चीन जैसे देशों के साथ किया जाता है।"
NIPL के CEO रितेश शुक्ला ने इस बारे में बयान देते हुए यह कहा कि, "हमारा मानना है कि PPRO के साथ इस रणनीतिक सहयोग की वजह से रुपे कार्ड और UPI आधारित मोबाइल ऐप्स की ऑनलाइन स्वीकृति में काफी बेहतर विकास और बढ़ोतरी होगी। साथ ही इस समझौते के बाद भारतीय उपभोक्ता दुनिया भर में बिना किसी परेशानी या देरी के डिजिटल पेमेंट और लेन-देन कर सकेंगे।"
आपको बता दें कि, RuPay भारत का एक वैश्विक कार्ड भुगतान नेटवर्क है, जिसके अब तक 635 मिलियन से अधिक कार्ड जारी किए जा चुके हैं। साल 2020 में, UPI से संबंधित व्यापार 457 बिलियन तक पहुंच गया था, जो कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 15 फीसद के बराबर है। कंपनी ने कहा कि, यह साझेदारी विदेशी बाजारों में NIPL के निरंतर विस्तार को आगे बढ़ाएगी और PPRO के स्थानीय भुगतान विधि (LPM) कवरेज मैप में भारत को जोड़ेगी।
PPRO के मुख्य रणनीति और विकास अधिकारी स्टीफन मर्ज़ ने कहा, "भारत के ई-कॉमर्स बाजार के विस्तार में PPRO के लिए एक बड़ा विकास अवसर प्रस्तुत करता है। देश का ई-कॉमर्स विस्तार 52.6 बिलियन का है, जो 2025 में बढ़कर 120 बिलियन डॉलर का हो जाएगा।"