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500 करोड़ से कम की मार्केट कैप वाली कंपनियों पर लागू हुआ ESM फ्रेमवर्क, जानिए कैसे निवेशकों को होगा फायदा

ESM Framework 500 करोड़ से कम वाली माइक्रो कैप कंपनियों पर लागू किया गया है। इसका उद्देश्य कम बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों में अचानक आने वाले उतार-चढ़ाव से निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। (फोटो - जागरण फाइल)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 05 Jun 2023 11:30 AM (IST)
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What is ESM framework? How investor benefits from it
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में छोटे शेयरों में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए बॉम्वे स्टॉक एक्सचेंस (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंस (NSE) ने सोमवार (5 जून, 2023) से ईएसएम (ESM) को लागू किया है। दोनों एक्सचेंज की ओर से ये निर्णय निवेशकों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है।

ESM का पूरा नाम Enhanced Surveillance Measure है और ये 500 करोड़ से कम की मार्केट कैप वाली कंपनियों पर लागू होता है।

जारी हुआ सर्कुलर

एएसई और बीएसई की ओर से शुक्रवार को जारी हुए दो अलग-अलग सर्कुलर में बाजार नियामक सेबी और एक्सचेंज के बीच हुई एक ज्वाइंट बैठक में तय किया गया है कि 500 करोड़ से कम के मार्केट कैप वाली माइक्रो स्मॉल कंपनियों पर ईएसएम फ्रेमवर्क लागू किया जाए।

क्या होता है ESM फ्रेमवर्क?

एक्सचेंज की ओर से बताया गया ESM फ्रेमवर्क के तहत शेयर में ट्रेडिंग ट्रेड टू ट्रेड मैकेनिज्म के तहत 5 प्रतिशत और 2 प्रतिशत के प्राइस बैंड में होती है। इसमें दो स्टेज होगी।

कोई भी शेयर इस फ्रेमवर्क में कम से कम तीन महीने के लिए रहेगा। वहीं, अगर वह ESM फ्रेमवर्क की स्टेज 2 में चला जाता है तो उसे कम से कम एक महीने के लिए रहना होगा। स्टेज 2 में एक महीना पूरा करने के बाद अगर शेयर में 8 प्रतिशत के कम का उतार-चढ़ाव आता है जो कि उसे स्टेज 1 में भेजा जाएगा।

निवेशकों को कैसे होगा फायदा?

आमतौर पर देखा जाता है कि 500 करोड़ से कम की मार्केट कैप वाली कंपनियों में जल्द उतार-चढ़ाव आता है। कई बार ये शेयर सर्किट टू सर्किट चलते हैं और इनमें गड़बड़ी भी सबसे अधिक होती है। ऐसे में ESM फ्रेमवर्क लागू से निवेशकों को लाभ होगा।