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NSE को-लोकेशन मामले में सुब्रमण्यन की जमानत अर्जी खारिज, भागने का अंदेशा

सुब्रमण्यन बचने की कोशिश करते रहे और अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह भागने की कोशिश कर सकते हैं। सीबीआई इस मामले में चित्रा रामकृष्ण को भी गिरफ्तार कर चुकी है। अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।

By NiteshEdited By: Updated: Thu, 24 Mar 2022 05:52 PM (IST)
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Court dismisses bail plea by former group operating officer Anand Subramanian
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व समूह परिचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन को को-लोकेशन मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने सुब्रमण्यन की तरफ से दायर की गई जमानत अर्जी पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद याचिका खारिज करने का आदेश पारित किया। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने कहा कि खुद को हिमालय के योगी के रूप में पेश करने वाले सुब्रमण्यन ने एनएसई की तत्कालीन प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को अपने प्रभाव में ले लिया था। वकील ने कहा कि पूछताछ के दौरान सुब्रमण्यन बचने की कोशिश करते रहे और अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह भागने की कोशिश कर सकते हैं।

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एनएसई के पूर्व अधिकारी सुब्रमण्यन को सीबीआई ने को-लोकेशन मामले में 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था। हिरासत में पूछताछ किए जाने के बाद सुब्रमण्यन को नौ मार्च को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।

वहीं सुब्रमण्यन के वकील ने अपने मुवक्किल को जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि प्राथमिकी में सुब्रमण्यन का नाम नहीं था और एनएसई की को-लोकेशन सुविधा में भी उनकी कोई भूमिका नहीं थी। इसके साथ ही उन्होंने सुब्रमण्यन के हिमालय का योगी होने के दावे को भी नकारा। एनएसई की तरफ से दी जाने वाली को-लोकेशन सुविधा के तहत ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर अपने सर्वर रख सकते हैं ताकि उन्हें बाजार में होने वाले लेनदेन तक त्वरित पहुंच मिल पाए।

सीबीआई का कहना है कि कुछ ब्रोकरों ने एनएसई के कुछ भीतरी लोगों के साथ मिलकर को-लोकेशन प्रणाली का दुरुपयोग किया और इस तरह अप्रत्याशित लाभ अर्जित किए। सीबीआई इस मामले में चित्रा रामकृष्ण को भी गिरफ्तार कर चुकी है।