बांस से एथनाल बनाने का प्लांट लगाएगी NTPC, फिनलैंड की कंपनी ने भारतीय सब्सिडियरी के साथ किया समझौता
दोनो कंपनियां मिल कर ताप बिजली परियोजनाओं के लिए बायो-कोयला और दूसरे मूल्यवद्धिर्त उत्पादों के निर्माण की संभावना भी तलाश रही हैं। बोगाइगांव में पहले से ही एनटीपीसी की एक ताप बिजली संयंत्र है। इससे जो भी नई तकनीक पर सहमति बनेगी उसे इस प्लांट से संबंधित कर दिया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 18 Apr 2023 09:25 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अगर सब कुछ ठीक रहा तो देश की सबसे बड़ी बिजली निर्माता कंपनी एनटीपीसी देश में जल्द ही बांस से एथनाल बनाने वाली रिफाइनरी स्थापित करेगी। इसके लिए एनटीपीसी ने फिनलैंड की कंपनी चेम्पोलिस की भारतीय सब्सिडियरी के साथ समझौता किया है।
दोनो कंपनियों के बीच गैर बाध्यकारी समझौता
दोनो कंपनियों के बीच इसकी संभाव्यता की परख करने के लिए एक गैर बाध्यकारी समझौता किया गया है। एनटीपीसी की तरफ से बताया गया है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के बोगाइगांव में बांस आधारित बायो-रिफाइनरी स्थापित की जा सकती है।
बायो-कोयला और दूसरे मूल्यवद्धिर्त उत्पादों के निर्माण की संभावना
इसके अलावा, दोनो कंपनियां मिल कर ताप बिजली परियोजनाओं के लिए बायो-कोयला और दूसरे मूल्यवद्धिर्त उत्पादों के निर्माण की संभावना भी तलाश रही हैं। बोगाइगांव में पहले से ही एनटीपीसी की एक ताप बिजली संयंत्र है। इससे जो भी नई तकनीक पर सहमति बनेगी उसे इस प्लांट से संबंधित कर दिया जाएगा।बायो-कोल का इस्तेमाल
कंपनी का मानना है कि ग्रीन टेक्नोलाजी पर काम करके वह ताप बिजली संयंत्रों में ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले कोयले की जगह बायो-कोल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बारे में मिली सफलता देश में भी प्रदूषण पर नियंत्रण करने में काफी मददगार साबित हो सकती है। ताप बिजली संयंत्रों में कोयले का इस्तेमाल कम हो सकता है। इससे कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण करने की एनटीपीसी की योजना भी तेज रफ्तार पकड़ सकती है। साथ ही इससे स्थानीय विकास में भी मदद मिलेगा। बांस उत्पादन करने वालों को ज्यादा कीमत मिलेगी जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सकता है।