नौ वर्षों में 7000 हुई देश में कृषि स्टार्टअप्स की संख्या, कृषि बजट आवंटन भी 300 प्रतिशत बढ़ा
बीते नौ वर्षों के दौरान कृषि के लिए बजट आवंटन में 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह 30 हजार करोड़ से बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है। व्यापक फसल बीमा नीति किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण ढाल के रूप में कार्य करती है जो अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करती है। इससे उनकी आजीविका सुरक्षित होती है और वित्तीय बर्बादी को रोका जा सकता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। अनुकूल कारोबारी माहौल और सरकारी समर्थन की बदौलत बीते नौ वर्षों के दौरान देश में कृषि से जुड़े स्टार्टअप्स की संख्या कई गुना बढ़कर सात हजार से ज्यादा हो गई है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर्स एसोसिएशन की ओर से बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2014-15 में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों से जुड़े स्टार्टअप्स की संख्या 50 से भी कम थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने किसानों के हित में एक समग्र रणनीति अपनाई है। इसमें किसानों की आय, कृषि बीमा योजनाओं और विस्तारित सिंचाई कवरेज को बढ़ावा देने वाली पहलों के साथ जैविक खेती को बढ़ाना, महिला किसानों का सशक्त बनाना, इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और सेवाओं को डिजिटल बनाना शामिल है।
बीते नौ वर्षों के दौरान कृषि के लिए बजट आवंटन में 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह 30 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है। व्यापक फसल बीमा नीति किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण ढाल के रूप में कार्य करती है, जो अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करती है। इससे उनकी आजीविका सुरक्षित होती है और वित्तीय बर्बादी को रोका जा सकता है।
एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जावरे गौड़ा का कहना है कि सरकार ने कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए सराहनीय कदम उठाए हैं। किसानों की आय बढ़ाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। इससे हमारे देश और दुनिया को भी खिलाने में हमारे अमूल्य अन्नदाता को सहायता मिल रही है।