EPFO से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या चार प्रतिशत घटी
देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्यों ने 2020 और 2021 में लॉकडाउन लगाया था जिससे आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ रोजगार भी प्रभावित हुआ था। आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 तक पिछले पांच वित्तीय वर्षों में ईएफपीओ द्वारा जोड़े गए कुल नए सदस्य 2018-19 के पूर्व कोरोना स्तर तक नहीं पहुंचे थे।
पीटीआई, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नए सदस्यों की कुल संख्या बीते वित्त वर्ष (2023-24) में चार प्रतिशत घटकर 1.09 करोड़ रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ ने 2022-23 में कुल 1,14,98,453 नए सदस्य जोड़े थे।
महामारी के कारण ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए सदस्यों की कुल संख्या में 2020-21 में गिरावट आई थी और यह 85,48,898 रही थी। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2019-20 में ईपीएफओ से 1,10,40,683 नए सदस्य जुड़े थे। 2021-22 में ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या 1,08,65,063 रही थी।
देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्यों ने 2020 और 2021 में लॉकडाउन लगाया था, जिससे आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ रोजगार भी प्रभावित हुआ था। आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 तक पिछले पांच वित्तीय वर्षों में, ईएफपीओ द्वारा जोड़े गए कुल नए सदस्य 2018-19 के पूर्व कोरोना स्तर तक नहीं पहुंचे थे।
2018-19 में ईपीएफओ से कुल 1,39,44,349 नए सदस्य जुड़े थे। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) के सदस्यों की सकल वृद्धि भी 2022-23 में 1,67,73,023 से घटकर 2023-24 में 1,67,60,672 हो गई। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, एनपीएस के तहत नए ग्राहकों की संख्या 2022-23 में 8,24,735 से बढ़कर 2023-24 में 9,37,020 हो गई।
सरकार ने औपचारिक क्षेत्र में रोजगार सृजन से संबंधित आंकड़े 2017 से जुटाने सिरे किए थे। जिन तीन प्रमुख योजनाओं से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या का उपयोग इसके तहत किया जाता है, उसमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) है।