Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Metro रेल नेटवर्क में अमेरिका छूटेगा पीछे, 10 वर्षों में मेट्रो शहरों की संख्या पांच से बढ़कर हुई 21

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा हम जल्द ही मेट्रो रेल नेटवर्क के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़कर चीन के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे। गुरुग्राम मानेसर और धारूहेड़ा सोनीपत और पानीपत को जोड़ने वाले शेष दो प्राथमिकता वाले कॉरिडोर को भी जल्द मंजूरी दी जाएगी। देशभर में मेट्रो के ट्रैक की लंबाई 945 किलोमीटर हो गई है।

By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Sun, 18 Aug 2024 10:30 PM (IST)
Hero Image
पिछले 10 वर्षों में इस संख्या में हर महीने 10 गुना का इजाफा हुआ है।

आइएएनएस, नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश के 21 शहरों में मेट्रो रेल सेवाओं का विस्तार किया गया है। 2014 में केवल पांच शहर में मेट्रो रेल की सुविधा थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पिछले एक दशक में 700 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन बनाई गई है। देश में मेट्रो के ट्रैक की लंबाई 945 किलोमीटर हो गई है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को तीन नए प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

इनमें ठाणे की इंटीग्रलरिंग मेट्रो रेल परियोजना कॉरिडोर, पुणे और बेंगलुरु में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार शामिल है। इन परियोजनाओं से देश के मेट्रो नेटवर्क में और इजाफा होगा, जो पहले से ही अमेरिका, चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो रेल नेटवर्क है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा, हम जल्द ही मेट्रो रेल नेटवर्क के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़कर चीन के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे। गुरुग्राम, मानेसर और धारूहेड़ा, सोनीपत और पानीपत को जोड़ने वाले शेष दो प्राथमिकता वाले कॉरिडोर को भी जल्द मंजूरी दी जाएगी।

उन्होंने कहा 2014 से पहले हर महीने केवल 600 मीटर मेट्रो लाइन का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन पिछले 10 वर्षों में इस संख्या में हर महीने 10 गुना का इजाफा हुआ है। यह आंकड़ा बढ़कर छह किलोमीटर हो गया है। उन्होंने कहा, भारत मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के निर्माण में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग कर रहा है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) बांग्लादेश में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जकार्ता को भी कंसल्टेंसी सेवाएं दे रहा है।

इजरायल, सऊदी अरब, केन्या और अल सल्वाडोर जैसे देशों ने भी मेट्रो परियोजनाओं के लिए डीएमआरसी के साथ साझेदारी करने में दिलचस्पी दिखाई है।