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हवाई सफर करने वालों की बढ़ रही तादाद, एक महीने में 1.29 करोड़ लोगों ने पकड़ी फ्लाइट

हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जुलाई में 1.29 करोड़ लोगों ने हवाई सफर किया। यह एक साल पहले के मुकाबले 7.3 फीसदी अधिक है। एक अनुमान के मुताबिक भारत का घरेलू हवाई यात्री यातायात साल 2030 तक 30 करोड़ तक पहुंच सकता है। यह साल 2023 के मुकाबले तकरीबन दोगुना होगा जब 15 करोड़ यात्रियों ने उड़ान भरी थी।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 19 Aug 2024 06:15 PM (IST)
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जनवरी-जुलाई, 2024 के दौरान घरेलू एयरलाइंस ने 923.35 लाख लोगों को यात्रा कराई।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय एयरलाइन कंपनियों ने जुलाई में 1.29 करोड़ से अधिक यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाया। यह सालाना आधार पर 7.3 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। हालांकि, जुलाई में हवाई यातायात इस साल जून की तुलना में कम था, जब 1.32 करोड़ यात्रियों ने उड़ान भरी थी। इंडिगो ने घरेलू हवाई यातायात क्षेत्र पर अपना दबदबा जारी रखा और जुलाई में इसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 62 प्रतिशत हो गई। दूसरी ओर एयर इंडिया की हिस्सेदारी घटकर 14.3 प्रतिशत रह गई।

अकासा एयर की हिस्सेदारी घटी

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने विस्तारा की घरेलू बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 10 प्रतिशत हो गई। एआइएक्स कनेक्ट और स्पाइसजेट की हिस्सेदारी घटकर क्रमश: 4.5 प्रतिशत और 3.1 प्रतिशत रह गई। इसके अलावा, अकासा एयर और अलायंस एयर की हिस्सेदारी क्रमश: 4.7 प्रतिशत और 0.9 प्रतिशत तक गिर गई।

डीजीसीए ने कहा, 'जनवरी-जुलाई, 2024 के दौरान घरेलू एयरलाइंस ने 923.35 लाख लोगों को यात्रा कराई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 881.94 लाख था। इस तरह यात्रियों की संख्या में 4.70 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि और 7.33 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई।'

भारत में हवाई यात्रियों की संख्या

एक अनुमान के मुताबिक, भारत का घरेलू हवाई यात्री यातायात साल 2030 तक 30 करोड़ तक पहुंच सकता है। यह साल 2023 के मुकाबले तकरीबन दोगुना होगा, जब 15 करोड़ यात्रियों ने उड़ान भरी थी। विमानन कंपनियां अपनी कैपेसिटी में भी लगातार विस्तार कर रही हैं, ताकि वे बढ़ती डिमांड को पूरा कर सकें। रेटिंग एजेंसी इकरा का कहना है कि आने वाले समय में हवाई यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, प्रतिस्पर्धा और लागत के बढ़ने की वजह से मुनाफे में वृद्धि की रफ्तार धीमी रह सकती है।

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