तेल कंपनियों पर लगातार पांचवीं तिमाही में जुर्माना, मानदंड नहीं कर पा रहीं पूरा
एनएसई ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन हिंदुस्तान पेट्रोलियम भारत पेट्रोलियम ऑयल इंडिया गेल और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स पर अप्रैल जून तिमाही में सूचीबद्धता की आवश्यकता को पूरा नहीं करने के लिए जुर्माना लगाया है। कंपनियों ने शेयर बाजारों को अलग-अलग दी सूचना में कहा है कि निदेशकों की नियुक्ति सरकार को करनी है और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सूचीबद्धता मानदंडों को पूरा करने में विफल रहने पर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और गैस कंपनी गेल समेत अन्य बड़ी तेल कंपनियों पर लगातार पांचवीं तिमाही में जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना अपने निदेशक मंडलों में अपेक्षित संख्या में स्वतंत्र और महिला निदेशकों की नियुक्ति नहीं करने को लगा है।
शेयर बाजारों बीएसई और एनएसई ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, ऑयल इंडिया, गेल और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स पर अप्रैल-जून तिमाही में सूचीबद्धता की आवश्यकता को पूरा नहीं करने के लिए जुर्माना लगाया है। कंपनियों ने शेयर बाजारों को अलग-अलग दी सूचना में कहा है कि निदेशकों की नियुक्ति सरकार को करनी है और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।
नियमों के अनुसार, कंपनियों को कार्यकारी या कार्यात्मक निदेशकों के समान अनुपात में स्वतंत्र निदेशक और कम से कम एक महिला निदेशक रखने की भी आवश्यकता है। BPCL ने अपने बोर्ड में एक भी स्वतंत्र निदेशक न होने के कारण बीएसई और एनएसई से 2,41,900-2,41,900 रुपये का जुर्माना लगाए जाने की सूचना दी है। कंपनी ने निदेशक नियुक्तियों को प्रभावित करने में अपनी असमर्थता का उल्लेख किया है और बीएसई लिमिटेड तथा एनएसई दोनों से जुर्माना माफ करने की योजना का संकेत दिया है। एचपीसीएल ने पुष्टि की है कि बीएसई और एनएसई ने उस पर 5,36,900-5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया है।
गेल पर भी इसी तरह का जुर्माना लगाया गया है। कंपनियों ने इस बात पर जोर दिया कि गैर-अनुपालन उनके नियंत्रण से बाहर था और उनकी ओर से किसी लापरवाही के कारण नहीं था। गेल ने कहा, यह प्रस्तुत किया जाता है कि बोर्ड की संरचना के संबंध में गैर-अनुपालन न तो कंपनी की किसी लापरवाही/चूक के कारण था और न ही गेल के प्रबंधन के नियंत्रण में था और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास भी किए गए थे।