Edible Oil Price: बिगड़ सकता है किचन का बजट, वनस्पति तेलों के आयात पर शुल्क बढ़ा सकती है सरकार
सरकार वनस्पति तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रही है। तिलहन की कम कीमतें मिलने से परेशान किसानों की मदद के लिए आने हफ्तों में सरकार यह कदम उठा सकती है। जुलाई में भारत का वनस्पति तेल आयात 22.2 टन बढ़कर 19 लाख टन रहा। भारत वनस्पति तेल की 70 प्रतिशत से अधिक मांग को आयात के जरिये पूरी करता है।
रॉयटर्स, नई दिल्ली। सरकार वनस्पति तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रही है। तिलहन की कम कीमतें मिलने से परेशान किसानों की मदद के लिए आने हफ्तों में सरकार यह कदम उठा सकती है। सरकार अगर ऐसा करती है तो पाम ऑयल, सोया ऑयल और सूरजमुखी तेल की विदेशी खरीद कम हो सकती है।
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि हम किसानों की मदद के लिए सभी विकल्प तलाश रहे हैं। आयात कर बढ़ाना भी उसमें शामिल है। जुलाई में भारत का वनस्पति तेल आयात 22.2 टन बढ़कर 19 लाख टन रहा। यह अब तक का दूसरा सर्वाधिक आयात है। भारत अपनी वनस्पति तेल की 70 प्रतिशत से अधिक मांग को आयात के जरिये पूरी करता है।
किन देशों से खरीदा जाता है तेल
वह मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाइलैंड से पाम ऑयल खरीदता है, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से सोया तेल और सूरजमुखी तेल आयात करता है। इस संबंध में कृषि मंत्रालय द्वारा एक प्रस्ताव बनाया है और उस पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला राजस्व विभाग लेगा। जब इस संबंध में विभाग के एक अधिकारी से जवाब मांगा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।वर्ष 2022 में दुनिया के सबसे बड़े वनस्पति तेल आयातक भारत ने कीमतों में कमी लाने के लिए कच्चे वनस्पति तेलों पर बेसिक इंपोर्ट ड्यूटी को खत्म कर दिया था। हालांकि सरकार अभी भी कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास उपकर के तौर पर 5.5त्न का शुल्क वसूल रही है। घरेलू सोयाबीन की कीमतें अभी लगभग 4,200 रुपये प्रति क्विंटल हैं जो निर्धारित समर्थन मूल्य 4,892 रुपये से कम हैं।सोयाबीन की कीमतों में कमी से महाराष्ट्र के किसान नाखुश हैं। चार एकड़ (1.62 हेक्टेयर) पर सोयाबीन उगाने वाले किसान मेस गायकवाड़ ने कहा कि मौजूदा कीमत पर हम अपनी उत्पादन लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं।
खास बात यह है कि आगमी तीन से चार महीनों के अंदर महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और यहां के सोयाबीन उत्पादक किसान एक प्रभावशाली मतदाता समूह है। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि सोयाबीन की नई फसल छह सप्ताह में आ जाएगी, जिससे कीमतों में और गिरावट आएगी।