हर हफ्ते 55 घंटे से ज्यादा काम मौत का बन सकता है कारण! दंग कर रहा Ola CEO भाविश अग्रवाल की बात पर डॉक्टर का जवाब
भाविश अग्रवाल ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कहा था कि मैं नारायण मूर्ती की 70 घंटे काम करने वाली बात का पब्लिकली सपोर्ट कर रहा था हालांकि इसे लेकर मुझे ट्रॉल भी होना पड़ा। लेकिन मुझे कोई फिक्र नहीं।इसी कड़ी में एक शीर्ष न्यूरोलॉजिस्ट सुधीर कुमार का जवाब सामने आया है। उन्होंने वैज्ञानिक अध्ययन के साथ ज्यादा घंटे काम करने के नुकसान गिनवाए हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। यह पिछले दिनों की ही बात है जब ओला सीईओ भाविश अग्रवाल ने हर हफ्ते 70 घंटे काम करने को लेकर अपना मत रखा था। भाविश अग्रवाल ने इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के हर हफ्ते 70 घंटे काम करने वाले बयान को सपोर्ट किया था। इसी कड़ी में ओला के सीईओ के इस बयान को लेकर आलोचना की जा रही है। एक शीर्ष न्यूरोलॉजिस्ट सुधीर कुमार ने लंबे समय तक काम करने के कई नुकसान गिनवा दिए हैं। यहां तक कि उनका कहना है कि ज्यादा काम करने के साथ मौत की संभावना भी बढ़ जाती है।
ज्यादा काम करने के नुकसान ही नुकसान
डॉक्टर सुधीर कुमार ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से ओला सीईओ भाविश अग्रवाल के इस बयान को लेकर कुछ न्यूज आर्टिकल पोस्ट किए हैं। इन आर्टिकल को पोस्ट करने के साथ ही उन्होंने अपना मत रखा है।
Ola CEO Bhavish Aggarwal backs Narayana Murthy's 70-hour work week advice: Do you agree?
What do the scientific studies show?
➡️Working 55 or more hours per week is associated with a 35% higher risk of a stroke and a 17% higher risk of dying from ischemic heart disease, compared… pic.twitter.com/Lb18PP6RAZ— Dr Sudhir Kumar MD DM (@hyderabaddoctor) July 11, 2024
उन्होंने वैज्ञानिक अध्ययन के साथ ज्यादा घंटे काम करने के नुकसान गिनवाए हैं। वे कहते हैं कि वैज्ञानिक अध्ययन क्या दर्शाते हैं जानिए,
- प्रति सप्ताह 55 या उससे अधिक घंटे काम करने से स्ट्रोक का 35% अधिक जोखिम और इस्केमिक हृदय रोग से मरने का 17% अधिक जोखिम जुड़ा हुआ है, जबकि प्रति सप्ताह 35-40 घंटे काम करने से ऐसा होता है।
- प्रति सप्ताह 55 घंटे से अधिक काम करने के कारण हर साल 800,000 से अधिक लोग मरते हैं।
- लंबे समय तक काम करने से अधिक वजन, प्रीडायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम अधिक होता है।
- प्रति सप्ताह 69 या उससे अधिक घंटे काम करने वाले लोगों में प्रति सप्ताह 40 घंटे काम करने वालों की तुलना में मध्यम से गंभीर अवसादग्रस्तता के लक्षण होने की संभावना अधिक होती है।
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भाविश अग्रवाल ने कही थी ये बात
मैं नारायण मूर्ती की 70 घंटे काम करने वाली बात का पब्लिकली सपोर्ट कर रहा था, हालांकि, इसे लेकर मुझे ट्रॉल भी होना पड़ा। लेकिन, मुझे कोई फिक्र नहीं, क्योंकि मेरा इस पर पूरा विश्वास है कि एक जनरेशन को तपस्या करने की सख्त जरूरत है ताकि हम पूरे संसार में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ नंबर वन देश को तैयार कर सकें। मैं वर्क-लाइफ बैलेंस कॉन्सेप्ट से सहमत नहीं हूं। क्योंकि अगर आप काम को एंजॉय करते हैं तो आपको काम के साथ ही जिंदगी की खुशियां मिल जाएंगी। साथ के साथ काम भी होता रहेगा। इस तरह दोनों में सामंजस्य बैठा रहेगा।
भाविश अग्रवाल, OLA CEO