ONGC ने जारी किये Q1 के रिजल्ट, कंपनी का मुनाफा 34 फीसदी गिरा
ONGC Q1 Result भारत की सबसे बड़ी सरकारी कच्चे तेल की कंपनी ओएनजीसी ने बीते दिन चालू वित्त वर्ष की तिमाही नतीजों का एलान कर दिया है। कंपनी का इस तिमाही नेट प्रॉफिट 34 फीसदी से ज्यादा गिर गया है। इसके अलावा कंपनी का नेट इनकम में भी गिरावट देखने को मिली है। आइए कंपनी के तिमाही नतीजों पर विस्तार से नजर डालते हैं। (जागरण फाइल फोटो)
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sat, 12 Aug 2023 02:15 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत की सबसे बड़ी सरकारी कच्चे तेल की कंपनी ओएनजीसी (ONGC) ने बीते दिन तिमाही नतीजों का एलान किया है। इस तिमाही कंपनी का प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा है। कंपनी का नेट प्रॉफिट 34 फीसदी से ज्यादा कम हो गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले तिमाही यानी अप्रैल-जून में कंपनी का नेट प्रॉफिट 10,015 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं, पिछले साल इसी अवधि में कंपनी का नेट प्रॉफिट 15,206 करोड़ रुपये था।
कंपनी का तिमाही नतीजे
कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादक ओएनजीसी भारत की सबसे बड़ी सरकारी कच्है। कंपनी ने इस तिमाही कच्चे तेल के हर बैरल पर 76.49 अमेरिकी डॉलर कमाए हैं। वहीं पिछले साल इसी समय पर कंपनी प्रति बैरल 108.55 अमेरिकी डॉलर का प्रॉफिट कमाता था। कंपनी का राजस्व 20 फीसदी गिर गया है। अब कंपनी का राजस्व 33,814 करोड़ रुपये हो गया है।कंपनी ने जानकारी दी है कि कच्चे तेल के उत्पादन में बी कमी आई है। अब कच्चे तेल का उत्पादन 3.2 फीसदी हो गया है। वहीं, गैस उत्पादन 3.3 फीसदी गिरकर 5.04 बिलियन क्यूबिक मीटर रहा।
कच्चे तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव
यूक्रेन और रूस के युद्ध के बाद पूरी दुनिया में कच्चे तेल की आपूर्ति और मांग के साथ अनिश्चितता की स्थिति भी पैदा हो गई है। वैश्विक स्तर पर अप्रैल-जून 2022 से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आज भी कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। आपको बता दें कि जमीन के नीचे और समुद्र तल से निकाले गए कच्चे तेल को पेट्रोल, डीजल और अन्य ईंधन के उत्पादन के लिए उसे रिफाइन किया जाता है। इसके अलावा प्राकृतिक गैस का उपयोग बिजली पैदा करने के साथ-साथ रसोई के स्टोव जलाने और ऑटोमोबाइल के सीएनजी (CNG) बनाने के लिए किया जाता है।
किस वजह से कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट आई
कंपनी ने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में ओएनजीसी के उत्पादन में कमी आई है। इसके अलावा चक्रवात बिपरजॉय (जून 2023) ने भी अपतटीय को बाधित कर दिया था। चक्रवात बिपरजॉय की वजह से भारत में तटवर्ती उत्पादन और कच्चे तेल के कुओं को रोकना पड़ा क्योंकि पाइपलाइन में रिसाव के कारण वहां की एक रिफाइनरी को तेल मिलना बंद हो गया था।इसके बाद कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट देखने को मिला है। अब कंपनी नई कुआं ड्रिलिंग गतिविधियों को आगे बढ़ा रहा है। कंपनी ने बताया कि कच्चे तेल के उत्पादन में मौजूदा गिरावट अस्थायी है। इसकी भरपाई के लिए कई नए प्रोजेक्ट शुरू किये जाएंगे। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में केजी-98/2 से कच्चे तेल का उत्पादन शुरू हो जाएगा।कंपनी ने बताया कि पहली तिमाही में कंपनी ने चार तेल और गैस खोजें कीं। इस खोज में मुंबई के अपतटीय क्षेत्र में मध्य और दक्षिण क्षेत्र शामिल है। कृष्णा गोदावरी बेसिन ऑनलैंड ब्लॉक ने एक नए हाइड्रोकार्बन वाले भुगतान क्षेत्र को प्रभावित किया।