Onion Export: प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटा; किसानों के लिए फायदे की बात, पर घरेलू बाजार में कीमतों पर क्या होगा असर?
सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। यह फैसला मौजूदा सीजन में प्याज की अच्छी पैदावार की संभावना को देखते हुए किया गया है। इस फैसले से देश में प्याज किसानों की आय में बढ़ोतरी होने की बात कही गई है। आइए जानते हैं कि सरकार ने प्याज के निर्यात का फैसला क्यों किया और इसका घरेलू बाजार पर क्या असर होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को 04 मई, 2024 से हटाने का फैसला किया है। यह फैसला देश में प्याज के मौजूदा रबी पैदावार के अच्छे होने और बेहतर मानसून की वजह से खरीफ के दौरान भी बढि़या पैदावार की संभावना को देखते हुए किया गया है। प्याज निर्यात की न्यूनतम कीमत 550 डॉलर प्रति टन तय की गई है। इस फैसले की वजह से देश में प्याज की पैदावार करने वाले किसानों की आय में बढ़ोतरी होने की बात कही गई है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के इस फैसले का असर महाराष्ट्र जैसे प्याज पैदावार करने वाले राज्यों के चुनावी नतीजों पर भी हो सकता है। महाराष्ट्र की शिव सेना यूबीटी की तरफ से प्याज निर्यात पर लगे रोक को मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही थी और इसके लिए पार्टी केंद्र सरकार की नीतियों पर दोषी करार दे रही है।
कितना होगा निर्यात वाली प्याज का दाम?
केंद्र सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि प्याज निर्यात की कीमत 550 डॉलर प्रति टन (तकरीबन 46 रुपये प्रति किलो) होगी और इस पर 40 फीसद का निर्यात शुल्क भी लगेगा। इस आधार पर निर्यातित प्याज की पूरी कीमत 770 डॉलर प्रति टन (64 रुपये प्रति टन) के करीब होगी। अभी दुनिया के कई हिस्सों में प्याज की खपत प्रभावित हुई है और माना जा रहा है कि भारत के प्याज निर्यातकों को बड़े ऑर्डर मिलेंगे।कुछ पड़ोसी देश भी भारत से प्याज का आयात बड़ी मात्रा में करने को तैयार हैं क्योंकि अभी उनको दूर दराज के देशों से प्याज खरीदनी पड़ रही है। अभी निर्यात प्रतिबंधित होने के बावजूद बांग्लादेश, भूटान, यूएई, श्रीलंका आदि को कुछ मात्रा में प्याज की आपूर्ति की गई है।
प्याज के निर्यात पर कब लगा था बैन?
08 दिसंबर, 2023 में केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष के खरीफ पैदावार की स्थिति को देखते हुए प्याज निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था। इसका असर घरेलू बाजार में खास तौर पर दिखा है। इस दौरान देश में प्याज की कीमतें अमूमन स्थिर रही हैं।अप्रैल में देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक में प्याज की औसतन कीमत 15 रुपये प्रति किलो रही है। निर्यात प्रतिबंधित किये जाने से पहले भारत लगातार इसका एक बड़ा निर्यातक रहा है। पिछले पांच-सात वर्षों के दौरान भारत ने औसतन 17 से 25 लाख टन प्याज का निर्यात सालाना किया है।