Virtual Credit Card से डिजिटल पेमेंट करना होगा आसान, पहले फायदे और नुकसान जानें फिर करें इस्तेमाल
आज के समय में हम जब भी ऑनलाइ शॉपिंग करते समय पेमेंट करते हैं तो हमें डेटा चोरी होने का डर बना रहता है। अगर आप ऑनलाइन पेमेंट ज्यादा करते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है। दरअसल अब वर्चुअल क्रेडिट कार्ड (Virtual Credit Card) के जरिये हम ऑनलाइन पेमेंट भी आसानी से कर सकते हैं साथ ही यह धोखाधड़ी के रिस्क को भी कम करता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में हम कोशिश करते हैं कि हम ज्यादा से ज्यादा अपना समय कैसे बचाएं। समय की बचत करने में तकनीक ने काफी मदद किया है। जी हां, टेक्नोलॉजी ने जहां एक तरफ हमें स्मार्ट बनाया है तो वहीं दूसरी तरफ इसने किसी भी काम को स्मार्ट तरीके से करना भी सिखाया है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण आज के समय में हो रहे लेन-देन की प्रक्रिया है। पिछले 15 साल पहले लेनदेन के लिए हमें बैंक जाना पड़ता था पर अब हम चंद सेकेंड्स में आसानी से ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं।
जहां एक तरफ ऑनलाइन पेमेंट ने ट्रांजैक्शन को आसान बनाया है तो दूसरी तरफ इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी में भी वृद्धि देखने को मिली है। क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के डिटेल्स और डेटा चोरी होने का खतरा बना रहता है। हम भले ही कोशिश करते हैं कि हम सिक्योर तरीके से पेमेंट करें पर इसके बावजूद यह खतरा बना रहता है। ऐसे में अब इस खतरे को कम करने के लिए हमारे पास वर्चुअल क्रेडिट कार्ड (Virtual Credit Card) का ऑप्शन भी रहता है। हम आपको नीचे इस कार्ड के बारे में विस्तार से बताएंगे।
क्या होता है वर्चुअल क्रेडिट कार्ड? (What is Virtual Credit Card)
वर्चुअल क्रेडिट कार्ड फिजिकल क्रेडिट कार्ड (Credit Card) की तरह ही होता है। इस कार्ड को मुख्य तौर पर ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह कार्ड बैंक द्वारा जारी किया जाता है। बता दें कि यह कार्ड आपके फिजिकल क्रेडिट कार्ड अकाउंट से लिंक होता है। इस कार्ड में अस्थायी नंबर होता है। इस नंबर के जरिये ही आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग आदि कर सकते हैं। यह कार्ड आपकी शॉपिंग और कार्ड डिटेल्स को एक लेयर पर सिक्योरिटी देता है।
वर्चुअल क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए यूजर के पास बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है। यह कार्ड बैंक जारी करता है, ऐसे में हर बैंक में इनके फीचर और सर्विस भी अलग होती है। अगर आप वर्चुअल क्रेडिट कार्ड पाना चाहते हैं तो आसानी से बैंक के पोर्टल या औप पर जाकर जनरेट कर सकते हैं।
कैसे काम करता है वर्चुअल क्रेडिट कार्ड
वर्चुअल क्रेडिट कार्ड एडवांस सिक्योरिटी फीचर्स के साथ आते हैं। आप जैसे ही इस कार्ड को जनरेट करेंगे आपको फिजिकल क्रेडिट कार्ड की तरह यूनिक कार्ड नंबर, सीवीवी (CVV) और एक्सपायरी डेट जैसी डिटेल्स मिलेगी। इस कार्ड का नंबर अस्थायी होता है। आमतौर पर यह नंबर सिंग्ल पेमेंट या फिर 24 से 48 घंटे तक वैलिड रहता है।
ऑनलाइन शॉपिंग या पेमेंट करते समय आपको इस कार्ड की डिटेल्स देनी होगी। जिसके बाद पेमेंट अमाउंट आपके फिजिकल कार्ड या बैंक अकाउंट से डिडक्ट हो जाएगी।
वर्चुअल कार्ड के फायदे
- इस कार्ड की एडवांस सिक्योरिटी फीचर होने के कारण इसमें धोखाधड़ी का रिस्क काफी कम रहता है।
- अगर आप ऑनलाइन पेमेंट को निर्धारित करना चाहते हैं तो यह कार्ड काफी मददगार साबित होगा। इससे आप खर्चों को एकहद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
- इस कार्ड में ऑनलाइन शॉपिंग करते समय आप कार्ड डिटेल्स को तुरंत जनरेट करके आसानी से पेमेंट कर सकते हैं।
वर्चुअल कार्ड के नुकसान
- इस कार्ड के जरिये आप कुछ ही सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कार्ड ऑनलाइन शॉपिंग करते सम पेमेंट के लिए बना है। इस कार्ड के माध्यम से आप इन-स्टोर खरीदारी या बाकी सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
- इसकी वैलिडिटी काफी कम रहती है। ऐसे में आपको बार-बार कार्ड डिटेल्स जनरेट करने की जरूरत पड़ सकती है।
- इस कार्ड का नुकसान एक यह भी है कि यह सभी ऑनलाइन मर्चेंट्स इस कार्ड की पेमेंट के एक्सेप्ट नहीं करते हैं। ऐसे में ऑनलाइन पेमेंट करते समय आपको दिक्कत हो सकती है।