पिछले वित्त वर्ष में नई नौकरियों में सिर्फ 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी, बैंक आफ बड़ौदा ने शेयर की रिपोर्ट
बैंक आफ बड़ौदा की नई रिपोर्ट में पता चला है कि पिछले वित्त वर्ष में नई नौकरियों में सिर्फ 1.5 प्रतिशत ही बढ़ी है। रिपोर्ट में बताया कि 2024 तक 1196 कंपनियों में कुल रोजगारों की संख्या 6251808 थी। वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि दर के बावजूद कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के बजाय स्किल पर ध्यान दिया।
एएनआई, नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 में रोजगार सृजन में मात्र 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में इसमें 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। बैंक आफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय उद्योग जगत ने केवल 90,840 नौकरियां सृजित कीं, जबकि पिछले वर्ष यानी 2022-23 में यह आंकड़ा 3.33 लाख था।
मार्च, 2024 तक 1,196 कंपनियों में कुल रोजगारों की संख्या 62,51,808 थी, जो बदलती आर्थिकी परिस्थिति में यह दर्शाता है कि कंपनियां नई भर्तियों को लेकर सतर्क रुख अपना रही हैं।
रिपोर्ट में मिली जानकारी
रिपोर्ट में तीन सेक्टरों (नौकरी बढ़ाने वाले', 'नौकरी देने वाले' और जहां नौकरियों की संख्या स्थिर रही) के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। रिटेल और ट्रेडिंग जैसे सेक्टर नौकरी पैदा करने वाले सेक्टर के तौर पर उभरे हैं और इनकी वृद्धि दर क्रमश: 19.4 प्रतिशत और 16.2 प्रतिशत रही।दूसरी ओर, सूचना-प्रौद्योगिकी और टेक्सटाइल सेक्टर को नौकरी खत्म करने वाले सेक्टर के तौर वर्गीकृत किया गया है। ये ऐसे सेक्टर हैं, जहां पुनर्गठन के चलते कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है। दिलचस्प तथ्य यह है कि बिक्री वृद्धि और रोजगार सृजन के बीच कोई सीधा संबंध स्पष्ट नहीं है।
वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि दर के बावजूद, कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के बजाय स्किल पर ध्यान दिया। उदाहरण के लिए, सूचना-प्रौद्योगिकी (आइटी) क्षेत्र ने 5.6 प्रतिशत की मामूली बिक्री वृद्धि दर्ज की, लेकिन फिर भी अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी की, जिससे पता चलता है कि अब रोजगार संबंधी निर्णयों में तात्कालिक बिक्री आंकड़ों की तुलना में दीर्घकालिक व्यावसायिक लक्ष्य अधिक प्रभावशाली हैं।
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