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Unicorn Index: 2023 में सिर्फ तीन स्टार्टअप ही बन सके यूनिकार्न, फंडिंग में हुआ छह प्रतिशत का इजाफा

यूनिकार्न की कुल संख्या भी एक साल पहले की अवधि की तुलना में 84 से घटकर अब 83 हो गई है। पीक एक्सवी पार्टनर्स जिसे पहले सिकोइया के नाम से जाना जाता था उसने सबसे ज्यादा 37 यूनिकार्न में निवेश कर रखा है। बेंगलुरू भारत की स्टार्टअप की राजधानी बना हुआ है। यहां के 53 स्टार्टअप भविष्य में यूनिकार्न बन सकते हैं।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 27 Jun 2023 11:50 PM (IST)
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147 स्टार्टअप में 1.02 लाख से अधिक लोग कर रहे काम।
मुंबई, पीटीआई। इस साल अब तक केवल तीन स्टार्टअप ही यूनिकार्न बन सके हैं। यूनिकार्न की कुल संख्या भी एक साल पहले की अवधि की तुलना में 84 से घटकर 83 हो गई है। यूनिकार्न से आशय ऐसे स्टार्टअप से है, जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर होता है। एएसके प्राइवेट वेल्थ हुरून इंडियन फ्यूचर यूनिकार्न इंडेक्स, 2023 के अनुसार, एक साल पहले 24 स्टार्टअप यूनिकार्न बने थे। एएसके प्राइवेट वेल्थ के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक राजेश सलूजा ने कहा कि स्टार्टअप द्वारा बिजनेस माडल का जो तरीका अपनाया गया, उसके चलते ही मूल्यांकन में गिरावट आई है।

हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनियों को फंडिंग जारी है। हुरून इंडिया के मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप में बहुत संभावनाएं हैं और उन्हें अगले पांच वर्षों में भारत में यूनिकार्न की कुल संख्या 200 तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि चीन में 1,000 से अधिक यूनिकार्न हैं और अगर भारत को आर्थिक रूप से आगे बढ़ना है तो स्टार्टअप बहुत महत्वपूर्ण होंगे।

स्टार्टअप को मिलने वाली फंडिंग छह प्रतिशत बढ़ी

जुनैद ने कहा कि सूची में ऐसे स्टार्टअप जिनका मूल्यांकन 25 करोड़ डालर से अधिक है, उनकी संख्या 2023 में 147 हो गई है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह आंकड़ा 122 था। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल कुल 18 कंपनियां सूची से बाहर हो गईं जबकि 40 से अधिक नई कंपनियां सूची में शामिल हुईं। सलूजा ने कहा कि सूची में स्टार्टअप को मिलने वाली फंडिंग छह प्रतिशत बढ़कर 18.8 अरब डालर हो गई।

जुनैद ने बताया कि स्टार्टअप के मूल्यांकन का पता लगाने के लिए विभिन्न नियामकों को दी गई सूचना और निवेशकों के साक्षात्कार का उपयोग किया गया और इसके बाद यूनिकार्न (एक अरब डालर से अधिक का मूल्यांकन), गजेल्स (50 करोड़ डालर से अधिक का मूल्यांकन, इनके तीन वर्ष में यूनिकार्न बनने की संभावना है) और चीता (25 करोड़ डॉलर का मूल्यांकन, इनके अगले पांच वर्ष में यूनिकार्न बनने की संभावना है) की सूची तैयार की गई।

96 स्टार्टअप आए चीता श्रेणी में

सूची के मुताबिक 2023 में 51 स्टार्टअप गजेल्स की श्रेणी में आते हैं जबकि 96 स्टार्टअप चीता की श्रेणी में आते हैं। 2022 में गजेल्स की संख्या 51 थी जबकि चीता का आंकड़ा 71 था। राजेश सलूजा, सीईओ, एएसके प्राइवेट वेल्थ ने कहा कि बायजूस जैसे कुछ स्टार्टअप में गवर्नेंस के मोर्चे पर हालिया दिक्कतों से भारतीय स्टार्टटप इकोसिस्टम की फंडिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पहले 1,000 करोड़ रुपये का फंड जुटाने में एक साल लग जाता था, लेकिन अब इसे चार महीने से भी कम समय में जुटाया जा सकता है।