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Vedanta Group इतने दिनों में शुरू करेगा सेमीकंडक्टर का प्रोडक्शन, चेयरमैन Anil Agarwal ने बताया कंपनी का प्लान

Vedanta Group के चेयरमैन Anil Agarwal ने कहा कि सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट के पहले चरण में कुल 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आउटले में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश शामिल होगा और कंपनी 2.5 साल में भारत में निर्मित वेदांता की चिप्स प्रदान करेगी। वहीं फॉक्सकॉनॉ भी सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने की योजना पर काम कर रही है।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Fri, 28 Jul 2023 06:03 PM (IST)
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Vedanta's made in India chip will be ready in 2 years and 6 months

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वेदांत समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि इसके सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट के पहले चरण में कुल 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आउटले में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश शामिल होगा और उद्यम ढाई साल में भारत में निर्मित चिप के साथ तैयार हो जाएगा।

वेदांता फाउंड्री, चिप निर्माण और पैकेजिंग व डिजाइन से जुड़ी अपनी मेगा योजनाओं के लिए तीन कंपनियों को प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में शामिल करने के लिए उनसे बात कर रही है।

वेदांता ग्रुप  कब शुरू करेगा उत्पादन? 

अग्रवाल ने सेमीकॉन इंडिया 2023 कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा कि 2.5 साल में हम आपको भारत में निर्मित वेदांता की चिप्स देंगे। इसके सेमीकंडक्टर निवेश का पहला चरण 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा, जिसे संरचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वेदांता के पास अच्छा नकदी प्रवाह है और हम वेदांता में पूंजी आवंटन करेंगे और हमें इक्विटी और लोन देने के लिए लोगों की कतार है।

अपने सेमीकंडक्टर संयुक्त उद्यम पर फॉक्सकॉन से अलग होने के बाद, वेदांता समूह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह गुजरात में धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र में भारत का पहला सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रौद्योगिकी व इक्विटी भागीदारों के साथ गठजोड़ करने में पर्याप्त प्रगति हुई है। फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों ने अब भारत में चिप-निर्माण प्रोत्साहन के लिए अलग से आवेदन करने का निर्णय लिया है।

फॉक्सकॉन का ये है प्लान

इसको लेकर फॉक्सकॉन ने कहा है कि वह सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने की योजना पर काम कर रही है, क्योंकि अनुबंध निर्माता ने भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज ने कहा कि वह इष्टतम भागीदारों के लिए सक्रिय रूप से परिदृश्य की समीक्षा कर रही है।

कंपनी का कहना है कि 10 अरब अमेरिकी डॉलर की के रूप में स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्प किया जा रप्रोत्साहन योजना के साथ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले के निर्माण में इसे वैश्विक पावरहाउस बनाने की योजना है। ये चिप्स रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं, जिनका उपयोग मोबाइल फोन से लेकर रेफ्रिजरेटर और कारों से लेकर उच्च तकनीक उद्योगों तक में किया जाता है।