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नहीं रहे पद्म भूषण से सम्मानित बैंकिंग दिग्गज नारायणन वाघुल, सबसे कम उम्र में बने थे सरकारी बैंक के चेयरमैन

दिग्गज बैंकर और ICICI Bank के पूर्व चेयरमैन नारायणन वाघुल (Narayanan Vaghul) का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। अपने कई दशक के करियर में वाघुल ने कई महत्वपूर्ण काम किए। इसमें ICICI Bank को शुरुआती स्टेज के फाइनेंस इंस्टीट्यूशन से पूर्ण बैंक बनाना भी शामिल है। आइए वाघुल की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 18 May 2024 07:19 PM (IST)
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वाघुल 1981 में बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन बने थे, उस वक्त उनकी उम्र 44 साल थी।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। दिग्गज बैंकर और ICICI Bank के पूर्व चेयरमैन नारायणन वाघुल (Narayanan Vaghul) का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। अपने कई दशक के करियर में वाघुल ने कई महत्वपूर्ण काम किए। इसमें ICICI Bank को शुरुआती स्टेज के फाइनेंस इंस्टीट्यूशन से पूर्ण बैंक बनाना भी शामिल है।

पब्लिक सेक्टर बैंक के सबसे युवा चेयरमैन होने का रिकॉर्ड भी वाघुल के नाम है। वह 1981 में बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन बने थे, उस वक्त उनकी उम्र 44 साल थी। हालांकि, उन्होंने ब्यूरोक्रेट्स के हस्तक्षेप से तंग आकर उन्होंने बैंकिंग सेक्टर छोड़ दिया था। वाघुल को 1985 में चेयरमैन और CEO के रूप में ICICI लिमिटेड की जिम्मेदारी संभालने का मौका मिला। वह 2009 तक ग्रुप हेड रहे। वाघुल को सरकार ने 2010 में ट्रेड एंड इंडस्ट्री कैटेगरी में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

बैंकिंग जगत में वाघुल का योगदान

वाघुल ने भारत के बैंकिंग सेक्टर को काफी समृद्ध किया। उन्होंने देश में यूनिवर्सल बैंकिंग मॉडल कॉन्सेप्ट को आगे बढ़ाया। इसने भारत के बैंकिंग सेक्टर में एक नए युग की शुरुआत की। उनकी इनवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी ICICI सिक्योरिटीज की नींव रखने में भी अहम भूमिका थी। वाघुल ने क्रिसिल की बुनियाद रखके भारत में क्रेडिट रेटिंग के कॉन्सेप्ट को भी आगे बढ़ाया। वह करीब दस साल क्रिसिल के फाउंडर चेयरमैन रहे।

1991 में आर्थिक उदारीकरण के बाद से भारत में कई फाइनेंशियल सुपरमार्केट्स सामने आए। लेकिन, इसकी शुरुआत वाघुल ने ही की थी। अगर ICICI Bank ने बैंकिंग सेक्टर में बड़ा मुकाम हासिल किया, तो इसके पीछे वाघुल का ही दिमाग था। इसी बैंक के नक्शेकदम पर चलकर IDBI, और SBI ने फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री के अलग-अलग क्षेत्रों में अपना कामकाज बढ़ाया।

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