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दहशत में चरमराया पाकिस्तानी बाजार, निवेशक निकालने लगे पैसा - 1300 अंक टूटा KSE-100

14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद से ही पाकिस्तानी शेयर बाजार को लेकर निवेशकों का रुख सतर्क है। इसके बाद से केएसई इंडेक्स में करीब 6 फीसद से अधिक की गिरावट आई है।

By Abhishek ParasharEdited By: Updated: Wed, 27 Feb 2019 05:36 PM (IST)
दहशत में चरमराया पाकिस्तानी बाजार, निवेशक निकालने लगे पैसा - 1300 अंक टूटा KSE-100
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुई आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान का शेयर बाजार चरमरा चुका है। निवेशकों ने तेजी से पाकिस्तानी बाजार से अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया है।

मंगलवार को करीब 800 अंक टूटने के बाद आज पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज (कराची स्टॉक एक्सचेंज) का इंडेक्स 1300 अंकों से अधिक अंक नीचे फिसल गया। दोपहर बाद केएसई 100 करीब 3 फीसद की भारी गिरावट के साथ 37,523 के आस पास ट्रेड कर रहा है। पाकिस्तानी बाजार की शुरुआत आज दहशत में हुई और इंट्रा डे के दौरान यह 38,821 से नीचे फिसलते हुए 37,330 पर जा पहुंचा।

वहीं केएसई ऑल शेयर इंडेक्स करीब 3 फीसद की गिरावट के साथ 1160 अंकों तक टूट चुका है। पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज के सभी इंडेक्स भारी गिरावट के साथ लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं।

पिछले दो हफ्ते में केएसई 100 में 3500 अंकों से अधिक की गिरावट आई है।

गौरतलब है कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद से ही पाकिस्तानी शेयर बाजार को लेकर निवेशकों का रुख सतर्क है। इसके बाद से केएसई इंडेक्स में करीब 6 फीसद से अधिक की गिरावट आई है। 14 फरवरी को केएसई इंडेक्स 40,506.98 पर बंद हुआ था।

पाकिस्तानी अखबारों के मुताबिक पिछले 55 ट्रेडिंग सेशन में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को दूसरे बड़े मोर्चे पर भी कई दिक्कतों का सामाना करना पड़ रहा है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया पिछले एक महीने में गिरकर 140 के स्तर को छू चुका है।

भारत के शेयर बाजार के मुकाबले अगर देखा जाए तो पिछले एक साल में पाकिस्तान बाजार निवेशकों की संपत्ति के लिए कब्रगाह बनता जा रहा है।

ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक पिछले एक साल में पाकिस्तानी शेयर बाजार में करीब 12 फीसद से अधिक की गिरावट आई है। जबकि इस दौरान बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क इंडेक्स 6 फीसद से अधिक का रिटर्न देने में कामयाब रहा है। एशिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार सर्वाधिक रिटर्न देने वाला बाजार रहा है।

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