Pamban Bridge: समंदर पर बने रेलवे के इस ब्रिज को देनी पड़ रही 'अग्नि परीक्षा', इस मामले में है भारत का पहला पुल
क्या आप जानते हैं कि नए पंबन ब्रिज को एक तरह की अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। जी हां भारत के पहले ‘वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज’ के लिए ‘घुमाव’ बड़ी चुनौती पेश कर रहा है। इस पुल को बनाने के लिए रेलवे के समक्ष पहले ही तकनीकी और अशांत समुद्र की चुनौती थी। 2.08 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) कर रहा है।
पीटीआई, नई दिल्ली। Pamban Bridge भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने निर्माण के क्षेत्र में कई कीर्तिमान बनाए हैं। चाहे वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने हों या फिर कश्मीर में चिनाब नदी पर बन रहा दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज। कन्याकुमारी का पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) भी उसी का एक नमूना है। लेकिन पुराने पंबन ब्रिज का समय लगभग पूरा हो चला है, ऐसे में एक नए ब्रिज का निर्माण किया गया है। यह ब्रिज भी इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना होने वाला है। बता दें कि पंबन ब्रिज भारत की मुख्य भूमि को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ने वाला पुल है।
क्या आप जानते हैं कि नए पंबन ब्रिज को एक तरह की अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। जी हां, भारत के पहले ‘वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज’ के लिए ‘घुमाव’ बड़ी चुनौती पेश कर रहा है। इस पुल को बनाने के लिए रेलवे के समक्ष पहले ही तकनीकी और अशांत समुद्र की चुनौती थी।2.08 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) कर रहा है। इस पुल के वर्टिकल लिफ्ट यानी उठाने वाला हिस्से को ऊपर ले जाने वाले ‘लिफ्ट स्पैन’ का आकार 72.5 मीटर लंबा, 16 मीटर चौड़ा है और इसका वजन 550 टन है। आरवीएनएल को इस हिस्से को रामेश्वरम तट से 450 मीटर दूर समुद्र तक पहुंचाने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
आरवीएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने 10 मार्च को इस लिफ्ट स्पैन को आगे बढ़ाना शुरू किया और आज तक, हम 550 टन के लिफ्ट स्पैन को पुल के केंद्र की ओर 80 मीटर आगे बढ़ा चुके हैं। सबसे बड़ी चुनौती पुल का 2.65 डिग्री घुमाव है। अगर यह सीधा होता तो हम इसे तेजी से निश्चित स्थान पर पहुंचा पाते।’’
उन्होंने कहा कि अलाइनमेंट से जुड़े कई बदलावों के कारण घुमावदार आकार को रखना आवश्यक था। अधिकारी ने बताया कि लिफ्ट स्पैन को उसके अंतिम बिंदु तक ले जाने का काम मई के अंत तक पूरा हो जाएगा और इसे अभी भी 370 मीटर आगे पहुंचाया जाना बाकी है। अधिकारी ने बताया कि एक बार जब घुमावदार हिस्से को पार कर लिया जाएगा तो फिर और तेजी से काम हो सकेगा।कंपनी ने इस ब्रिज को शुरू करने के लिए 30 जून की समय सीमा तय की है और अधिकारियों का कहना है कि इस डेडलाइन पर काम खत्म करने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही है।