Twitter से खाली हाथ नहीं जाएंगे पराग अग्रवाल, मिल सकते हैं 318 करोड़ रुपये
Parag Agrawal को पिछले साल नवंबर में कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोरसी द्वारा इस पद पर नियुक्त किया गया था। कंपनी को हर्जाने के तौर पर शीर्ष अधिकारियों को 725 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान करना होगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो: Elon Musk ने जिन शीर्ष अधिकारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया है, उन्हें हर्जाने के तौर पर 8.8 करोड़ डालर (725 करोड़ रुपये से ज्यादा) देने पड़ सकते हैं। अकेले पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) को 3.87 करोड़ डालर (318 करोड़ रुपये से ज्यादा) मिलेंगे।
यह हर्जाना उन्हें कंपनी से बर्खास्त किए जाने की एवज में मिलेगा। मुख्य वित्तीय अधिकारी को नेड सेगल 2.54 करोड़ डालर जबकि विजया गड्डे को 1.25 करोड़ डालर मिलेंगे। चीफ कस्टमर आफिसर साराह पर्सनोटे को 1.12 करोड़ डालर मिलेंगे।
पूरी कंपनी को पुनर्गठित करना चाहते हैं मस्क
माना जा रहा है कि मस्क पूरी कंपनी को पुनर्गठित करना चाहते हैं और बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की संख्या में कटौती करेंगे। कुछ दिनों पूर्व उन्होंने कंपनी के 75 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी की बात कही थी। हालांकि बुधवार को जब वह पहली बार ट्विटर के मुख्यालय गए तो उन्होंने बड़े पैमाने पर छंटनी की बात से इन्कार किया।
पिछले साल नवंबर में सीईओ बने थे पराग अग्रवाल
पराग अग्रवाल को पिछले साल नवंबर में ट्विटर का सीईओ बनाया गया था। उन्होंने जैक डोर्सी की जगह ली थी। पराग अग्रवाल ने आइआइटी बांबे से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा उन्होंने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस में डाक्टरेट किया है। अग्रवाल 2011 से ही ट्विटर में काम कर रहे थे और 2017 से कंपनी के सीटीओ के पद पर नियुक्त थे।
अग्रवाल ने ट्विटर पर ट्वीट की अहमियत को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जो काम किया था, उसकी खूब सराहना हुई थी। जब वह स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे, उस दौरान उन्होंने माइक्रोसाफ्ट, याहू और एटीएंडटी जैसी दिग्गज कंपनियों में इंटर्नशिप भी की थी।
मस्क के ट्विटर खरीदने से भारत की अपेक्षाओं में कोई बदलाव नहीं
मंत्री इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि एलन मस्क के नियंत्रण में ट्विटर के जाने के बाद भी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के लिए नियमों का पालन करने की भारत की अपेक्षाएं पूर्ववत रहेंगी। उन्होंने कहा, 'सरकार के लिए यह मायने नहीं रखता कि कंपनी का मालिक कौन है। हमारे कानून और नियम सभी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर लागू होते हैं, फिर चाहे कंपनी का मालिक कोई भी हो।'
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