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Paras Defence के IPO को खुलते ही पूरा खरीद डाला निवेशकों ने, जानिए क्‍या है डिटेल

Paras Defence का IPO मंगलवार को खुलने के कुछ ही मिनटों में पूरी तरह सबस्‍क्राइब हो गया। यह IPO 23 सितंबर तक खुला रहेगा। डिफेंस कंपनी ने पब्लिक इश्‍यू के जरिए 171 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Tue, 21 Sep 2021 10:48 AM (IST)
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30 करोड़ रुपए OFS से लाने की योजना है। (Pti)
नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Paras Defence का IPO मंगलवार को खुलने के कुछ ही मिनटों में पूरी तरह सबस्‍क्राइब हो गया। यह IPO 23 सितंबर तक खुला रहेगा। डिफेंस कंपनी ने पब्लिक इश्‍यू के जरिए 171 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है। इसमें 140 करोड़ रुपए फ्रेश इश्‍यू से आएंगे। जबकि 30 करोड़ रुपए OFS से लाने की योजना है।

IPO को 2.2 गुना सबस्क्रिप्‍शन मिला

BSE के आंकड़ों के मुताबिक इश्‍यू को सुबह 10.30 बजे तक करीब 2.2 गुना सबस्क्रिप्‍शन मिल चुका है। इसमें Retail category ने 4.39 गुना बुकिंग की है।

क्‍या है प्राइस बैंड

कंपनी ने IPO के लिए 165 से 175 रुपए का प्राइस बैंड रखा है। Grey Market में इसकी कीमत 210 रुपए प्रीमियम है। निवेशक 85 शेयरों के लिए एकसाथ बोली लगा सकते हैं यानि एक लॉट इतने शेयरों का है।

30,000 करोड़ रुपये के आईपीओ पाइपलाइन में

बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने हाल में कहा था कि Unicorn कंपनियों ने बीते 18 महीनों में प्रारम्भिक शेयर निर्गम (IPO) के जरिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं और 30,000 करोड़ रुपये के आईपीओ पाइपलाइन में हैं। एक कार्यक्रम में त्यागी ने कहा था कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या हमारी अर्थव्यवस्था में नए युग की प्रौद्योगिकी कंपनियों के आगे आने का प्रमाण है। यह कंपनियां अक्सर एक अलग व्यवसाय मॉडल का पालन करती हैं जिनका ध्यान तत्काल लाभ देने की बजाय तेजी से वृद्धि पर अधिक होता है।

15,000 करोड़ रुपये जुटाए

बीते 18 महीनों के दौरान इन कंपनियों ने IPO के जरिए करीब 15,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वही सेबी को दी गई जानकारी दर्शाती है कि इन कंपनियों के 30 हजार करोड़ रुपये के और आईपीओ पाइपलाइन में है। हाल में आईपीओ के जरिए पूंजी जुटाने में तेजी आई है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आईपीओ के जरिये 46,000 करोड़ रुपये जुटाए गए। यह आंकड़ा इससे पिछले वित्त वर्ष में आईपीओ के माध्यम से जुटाए गए 21 हजार करोड़ रुपये से दुगना से भी अधिक है।

(Pti इनपुट के साथ)