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रुकने का नाम नहीं ले रहा डिफेंस सेक्टर का ये स्टॉक, लगातार दूसरे दिन लगा अपर सर्किट

डिफेंस सेक्टर के शेयरों में उछाल का सबसे अधिक फायदा Paras Defence and Space Technologies Ltd को हो रहा है। पारस डिफेंस के शेयरों (Paras Defence Share price) में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में में 20 प्रतिशत का अपर सर्किट लगा। निवेशकों ने पारस डिफेंस के स्टॉक की जमकर खरीदारी की और यह 20 फीसदी के अपर सर्किट के साथ 1388.25 रुपये पर बंद हुआ।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 18 Jun 2024 01:48 PM (IST)
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पारस डिफेंस के शेयर 20 प्रतिशत के अपर सर्किट साथ 1,157.25 रुपये पर बंद हुए।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। डिफेंस सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। इस बुल रन में सबसे अधिक फायदा फिलहाल पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (Paras Defence and Space Technologies Ltd) को हो रहा है। पारस डिफेंस के शेयरों (Paras Defence Share price) में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में में 20 प्रतिशत का अपर सर्किट लगा।

लगातार दूसरा अपर सर्किट

पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (14 जून) को भी डिफेंस सेक्टर (Defence Sector) के स्टॉक में जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी। उस दिन भी डिफेंस टेक्नोलॉजी से जुड़े लगभग सभी शेयर हरे निशान में बंद हुए थे। पारस डिफेंस का स्टॉक 20 प्रतिशत के अपर सर्किट साथ 1,157.25 रुपये पर बंद हुआ था। यह कंपनी का पिछले एक साल का उच्च स्तर भी था।

तीन दिनों की छुट्टी के बाद जब मंगलवार को शेयर मार्केट दोबारा खुला, तो भी पारस डिफेंस ने तेजी वाला मोमेंटम बरकरार ही रखा। डिफेंस सेक्टर पर बुलिश निवेशकों ने पारस डिफेंस के स्टॉक की जमकर खरीदारी की और यह 20 फीसदी के अपर सर्किट के साथ 1,388.25 रुपये पर बंद हुआ। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में यह करीब 55 फीसदी का रिटर्न दे चुका है।

मल्टीबैगर रिटर्न वाला स्टॉक

पारस डिफेंस मल्टीबैगर स्टॉक बन चुका है। इसने एक साल के भीतर 125 से अधिक का रिटर्न दिया। इस साल यानी 2024 की बात करें, तो अब तक निवेशकों को पारस डिफेंस से 84 फीसदी का फायदा हो चुका है। यहां तक कि इसने एक ही महीने में 77 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है। यह अपने ऑलटाइम हाई लेवल को भी क्रॉस कर चुका है।

पारस डिफेंस क्या करती है?

पारस डिफेंस का मुख्य काम डिफेंस और स्पेस इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशंस उपलब्ध कराना है। यह उनकी डिजाइन, डेवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग तक सबकुछ देखती है। पारस डिफेंस का आईपीओ भी काफी चर्चित था, जो साल 2021 में आया था। मार्च 2024 तक प्रमोटरों के पास कंपनी में 58.94 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। ब्रोकरेज भी पारस डिफेंस को लेकर काफी बुलिश हैं।

फोर्ब्स के मुताबिक, पारस डिफेंस के प्रमुख ग्राहकों में फिलहाल डीआरडीओ, इसरो, डिफेंस शिपयार्ड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, लार्सन एंड टुब्रो और टाटा ग्रुप शामिल हैं।

नई टेक्नोलॉजी पर दांव

पिछले कुछ साल में पारस डिफेंस ने अपने कारोबार का ढांचा काफी हद तक बदला है। कंपनी पहले आईपीओ लाकर शेयर बाजार में लिस्ट हुई। फिर इसने नए क्षेत्रों में प्रवेश करके और सात नई सहायक कंपनियों की स्थापना की। कंपनी अब अपने ड्रोन, मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) और ड्रोन रोधी प्रणालियों पर गंभीर दांव लगा रही है।

इंडस्ट्री बॉडी फिक्की और कंसल्टेंसी फर्म ईवाई की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत का ड्रोन मार्केट 2030 तक 23 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इससे भारत दुनिया का ड्रोन हब बन जाएगा। भारतीय रक्षा सेवाओं के भी ड्रोन पर बहुत अधिक निर्भर रहने की उम्मीद है।

डिफेंस सेक्टर में तेजी की वजह

पिछले दिनों केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस सेक्टर को लेकर सरकार की योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इससे डिफेंस कंपनियों का मुनाफा बढ़ने की उम्मीद है, जिसके चलते निवेशक खरीदारी बढ़ा रहे हैं।

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