Rice Export: भारत सरकार ने फिर बढ़ाया मदद का हाथ, पतंजलि आयुर्वेद ने नेपाल भूकंप पीड़ितों को दान किया 20 मीट्रिक टन चावल
भारत सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगाए प्रतिबंध से पतंजलि को एक बार के लिए छूट दी है। पतंजलि नेपाल के भूकंप पीड़ितों को दान के रूप में 20 मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात करेगी। इससे पहले पिछले महीने भी नेपाल सहित अन्य सात देशों के लिए भारत सरकार ने चावल की सप्लाई भेजी थी। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Mon, 13 Nov 2023 01:22 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। हाल ही में भारत के पड़ोसी देश नेपाल में आए भूकंप से वहां काफी नुकसान हुआ। ऐसे में भारत सरकार एक बार फिर से अपना पड़ोसी धर्म निभाते हुए नेपाल की मदद करने का एलान किया है।
आपको बता दें कि भारत सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है लेकिन अब सरकार ने भारत की स्वदेशी कंपनी पतंजलि को सिर्फ एक बार के लिए इस निर्यात प्रतिबंध से छूट दिया है। सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद को नेपाल में भूकंप पीड़ितों के लिए दान के रूप में 20 मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी है।
जुलाई से सरकार ने लगाया हुआ है प्रतिबंध
भारत सरकार ने घरेलू स्तर पर चावल की आपूर्ति में कोई कमी ना हो इसलिए 20 जुलाई से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। हालांकि कुछ देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और अनुरोध पर सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर निर्यात की अनुमति दी गई है।
आज डीजीएफटी ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा,
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को भूकंप पीड़ितों के लिए नेपाल को दान के रूप में 20 मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल (अर्ध-मिल्ड या पूरी तरह से मिल्ड चावल, चाहे पॉलिश किया हुआ हो या नहीं या चमकीला) के निर्यात के लिए प्रतिबंध से एक बार छूट दी गई है।
इससे पहले सात अन्य देशों को भी भारत ने किया है सप्लाई
पिछले महीने अक्टूबर में जारी डीजीएफटी की अधिसूचना के मुताबिक, सरकार ने नेपाल, कैमरून और मलेशिया सहित सात देशों को 10,34,800 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी थी।
पिछले महीने भारत सरकार ने नेपाल के लिए 95,000 टन, कैमरून (1,90,000 टन), कोटे डी' आइवर (1,42,000 टन), गिनी (1,42,000 टन), मलेशिया (1,70,000 टन), फिलीपींस (2,95,000 टन) है और सेशेल्स (800 टन) चावल के निर्यात की मंजूरी दी थी।