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Payment Fraud के मामलों पर आरबीआई ने बढ़ाई सख्ती, 'दक्ष' दिलाएगा धोखाधड़ी से निजात

भारतीय रिजर्व बैंक ने ऑनलाइन और ऑफलाइन फ्रॉड के मामलों की रिपोर्टिंग के लिए अपनी प्लानिंग में कई बदलाव किए हैं। आरबीआई ने इसके लिए एक नया पोर्टल बनाया है। इसके बाद ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग और ट्रैकिंग को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Tue, 27 Dec 2022 10:45 AM (IST)
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From 1st January, Payment system operators to report fraud on RBI DAKSH
मुंबई, बिजनेस डेस्क। पेमेंट फ्रॉड के मामलों से लड़ने के लिए आरबीआई ने कमर कस ली है। रिजर्व बैंक इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन फ्रॉड की रिपोर्टिंग के लिए 'दक्ष' नमक पोर्टल लाने की तैयारी कर रहा है। आरबीआई ने सोमवार को कहा कि रिपोर्टिंग को कारगर बनाने और पेमेंट फ्रॉड मनैजमेंट सिस्टम को ऑटोमैटिक बनाने के लिए जनवरी से फ्रॉड रिपोर्टिंग मॉड्यूल को 'दक्ष' में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

आरबीआई ने मार्च 2020 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान साधन (पीपीआई) जारीकर्ताओं द्वारा पेमेंट धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग के साथ केंद्रीय भुगतान धोखाधड़ी सूचना रजिस्ट्री (सीपीएफआईआर) को शुरू किया गया था।

कैसे मदद करेगी नई व्यवस्था

केंद्रीय बैंक ने एक सर्कुलर में कहा है कि संस्थाएं 01 जनवरी, 2023 से दक्ष में भुगतान धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग शुरू कर देंगी। भुगतान धोखाधड़ी को रिपोर्ट करने के लिए 'दक्ष' मौजूदा बल्क अपलोड सुविधा के अलावा कुछ और भी सुविधाएं प्रदान करता है। मेकर-चेकर सुविधा, ऑनलाइन स्क्रीन-आधारित रिपोर्टिंग, अतिरिक्त जानकारी का अनुरोध करने के विकल्प के अलावा ये अलर्ट/परामर्श जारी करने की सुविधा, डैशबोर्ड मैनेज करने में भी मदद करेगा।

आरबीआई द्वारा अधिकृत सभी भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों (पीएसओ) और भारत में सक्रिय पेमेंट सिस्टम पार्टियों को भुगतान धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है। इसमें फ्रॉड की छोटी से छोटी घटनाएं भी शामिल हैं। इनमें ग्राहकों द्वारा रिपोर्ट की गई या एजेंसियों द्वारा सूचित की गई जानकारियां भी दर्ज की जाती हैं।

दक्ष से होगी प्रभावी निगरानी

आपको बता दें कि यह रिपोर्टिंग पहले इलेक्ट्रॉनिक डेटा सबमिशन पोर्टल (ईडीएसपी) के माध्यम से की जाती थी और इसे अब दक्ष में माइग्रेट किया जा रहा है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि 01 जनवरी, 2023 से लाइव होने के बाद संस्थाएं पुराने सिस्टम में भुगतान धोखाधड़ी की रिपोटिंग नहीं कर पाएंगी। फ्रॉड ट्रांजैक्शन को रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी जारीकर्ता बैंक/पीपीआई जारीकर्ता/क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली एनबीएफसी की होगी, जिनके पेमेंट इको सिस्टम का इस्तेमाल धोखाधड़ी में किया गया है।

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