Paytm Share Price: पेटीएम के शेयरधारकों को आज भी लगा झटका, फिर से फ्रेश लोअर सर्किट पर पहुंचा शेयर
Paytm Share हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम को लेकर एक अहम फैसला लिया है। इस फैसले का असर कंपनी के शेयरों पर दिखने को मिल रहा है। बीते दिन भी कंपनी के शेयर 20 फीसदी गिरकर लोअर सर्केट को छुआ था। आज भी यह गिरावट जारी है। शुक्रवार को कंपनी के शेयर दोबारा 20 प्रतिशत गिरकर फ्रेश लोअर सर्केट को टच किया है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (One97 Communications Ltd) जो कि पेटीएम ब्रांड (Paytm) का मालिक है। आज इनके शेयरों में 20 प्रतिशत की गिरावट आई। इस गिरावट की वजह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लिये गए फैसला है।
बात दें कि आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (Paytm Payments Bank) को 29 फरवरी के बाद कोई भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य उपकरणों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करना बंद करने का निर्देश दिया है।
बीएसई पर स्टॉक 20 प्रतिशत गिरकर 487.05 रुपये पर आ गया - जो दिन के लिए इसकी सबसे कम ट्रेडिंग स्वीकार्य सीमा है। वहीं, एनएसई पर, यह 20 प्रतिशत गिरकर 487.20 रुपये की निचली सर्किट सीमा पर पहुंच गया।
वन97 कम्युनिकेशंस के शेयरों में गुरुवार को भी 20 फीसदी की गिरावट आई। इन दो दिनों में कंपनी का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 17,378.41 करोड़ रुपये घटकर 30,931.59 करोड़ रुपये हो गया।
क्या है पूरा मामला
फिनटेक फर्म पेटीएम अपने वार्षिक परिचालन लाभ पर 300-500 करोड़ रुपये का प्रभाव देख रही है। ग्राहक अपने वॉलेट, फास्टैग आदि में पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड से पैसे नहीं जोड़ पाएंगे क्योंकि आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी तरह से जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है।केंद्रीय बैंक ने बुधवार को पीपीबीएल को 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उपकरणों, वॉलेट और फास्टैग में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया। 29 फरवरी तक ग्राहक पेटीएम वॉलेट और पीपीबीएल खाते से पैसे जोड़ने के साथ-साथ पैसे निकाल भी सकते हैं।
आरबीआई ने कहा कि पीपीबीएल के खिलाफ कार्रवाई एक व्यापक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और उसके बाद बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद की गई।वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) के पास पीपीबीएल में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, लेकिन वह इसे कंपनी के सहयोगी के रूप में वर्गीकृत करता है, न कि सहायक कंपनी के रूप में।