पेंशनभोगियों की शिकायत चुटकियों में होगी हल, सरकार ने सभी विभागों को दे दिया आदेश
पेंशनभोगियों की शिकायतों का अक्सर समय पर निपटारा नहीं हो पाता। अब सरकार ने आदेश दिया है कि पेंशनभोगियों की शिकायत का 21 दिन के भीतर निपटारा चाहिए। किसी भी मामले में शिकायत को यह कहकर भी बंद नहीं किया जाएगा कि यह इस कार्यालय से संबंधित नहीं है। साथ ही सरकार ने डीए बढ़ाकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की दिवाली की सौगात भी दी है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र ने अपने सभी मंत्रालयों/विभागों से पेंशनभोगियों की शिकायतों का 21 दिनों के भीतर निपटारा करने को कहा है। साथ ही कहा है कि जिन मामलों में शिकायतों के निवारण में अधिक समय लगता है, वहां अंतरिम जवाब दिया जा सकता है।
दिशानिर्देश के अनुसार, अगर कोई पेंशनभोगी अपनी पेंशन कम या न आने की शिकायत करता है और संबंधित विभाग उसकी कंप्लेन को क्लोज कर देता है, तो शिकायतकर्ता 30 दिन के भीतर उसके खिलाफ अपीलीय प्राधिकारी के पास शिकायत कर सकता है। यह अपीलीय प्राधिकारी उसकी कंप्लेन का 30 दिन के भीतर निपटारा करेंगे।
केंद्र सरकार ने अपने पेंशनभोगियों की शिकायत निवारण प्रणाली यानी केंद्रीकृत पेंशन शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीईएनजीआरएएमएस) पोर्टल की समीक्षा के बाद व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दिशानिर्देशों में शिकायतों के शीघ्र और कुशल निवारण की परिकल्पना की गई है।
शिकायत टाल नहीं सकेंगे सरकारी विभाग
केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों की शिकायतों से निपटने के लिए व्यापक दिशा-निर्देशों में से एक में कहा गया है कि मंत्रालयों/विभागों को पेंशनभोगियों की शिकायतों का तीन सप्ताह के भीतर निपटारा करने का प्रयास करना चाहिए। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि किसी भी मामले में शिकायत को यह कहकर बंद नहीं किया जाएगा कि यह इस कार्यालय से संबंधित नहीं है।
इसमें कहा गया है कि शिकायत को उसके निर्णायक निवारण के बिना बंद नहीं किया जाएगा और शिकायत को बंद करते समय कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) को सहायक सूचना और दस्तावेज के साथ भरा जाना चाहिए।मंत्रालय/विभाग पोर्टल पर लंबित पेंशन संबंधी शिकायतों की मासिक समीक्षा करेंगे ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निपटारा सुनिश्चित किया जा सके। इसमें कहा गया है कि नोडल लोक शिकायत अधिकारियों को शिकायतों की प्रवृत्ति और शिकायतों के मामले की जांच के लिए मूल कारण का विश्लेषण करने के लिए कहा गया है।