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लेनदेन के ब्योरे को हटाकर E-Rupee को बनाया जा सकता है गोपनीय- शक्तिकांत दास

BIS इनोवेशन समिट में बोलते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत अपने वित्तीय समावेशन लक्ष्यों में मदद के लिए प्रोग्रामेबिलिटी फीचर पेश करने के साथ-साथ सीबीडीसी को ऑफलाइन मोड में हस्तांतरणीय बनाने पर भी काम कर रहा है। यह ध्यान दिया जा सकता है कि 2022 के अंत में सीबीडीसी की शुरुआत के बाद से गोपनीयता पहलू के बारे में चिंताएं रही हैं।

By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Mon, 06 May 2024 09:21 PM (IST)
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लेनदेन के ब्योरे को हटाकर E-Rupee को बनाया जा सकता है गोपनीय
पीटीआई, मुंबई। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि लेनदेन के ब्योरे को स्थायी रूप से हटाकर ई-रुपये या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को गोपनीय बनाया जा सकता है। इससे यह कागजी मुद्रा के समान हो जाएगी। बीआईएस इनोवेशन सम्मेलन में दास ने कहा कि सीबीडीएस के ऑफलाइन हस्तांतरण को लेकर भी काम किया जा रहा है।

2022 के अंत में सीबीडीसी की लॉन्चिंग के साथ इसकी गोपनीयता को लेकर चिंता बनी हुई है। कुछ लोगों का कहना है कि सीबीडीसी से लेनदेन का रिकार्ड तैयार हो जाता है, जबकि कागजी मुद्रा के लेनदेन में गोपनीयता बनी रहती है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कानून या टेक्नोलाजी से ई-रुपये की गोपनीयता से जुड़ी चिंता दूर की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अभी भी खुदरा लेनदेन में यूपीआई को प्राथमिकता दी जा रही है लेकिन आने वाले समय में यह स्थिति बदल सकती है।

बीआईएस इनोवेशन समिट में बोलते हुए दास ने कहा कि भारत अपने वित्तीय समावेशन लक्ष्यों में मदद के लिए प्रोग्रामेबिलिटी फीचर पेश करने के साथ-साथ सीबीडीसी को ऑफलाइन मोड में हस्तांतरणीय बनाने पर भी काम कर रहा है। यह ध्यान दिया जा सकता है कि 2022 के अंत में सीबीडीसी की शुरुआत के बाद से गोपनीयता पहलू के बारे में चिंताएं रही हैं, कुछ लोगों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक प्रकृति एक निशान छोड़ देगी जहां सभी मुद्रा का उपयोग किया गया है, नकदी के विपरीत जो गुमनामी प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि मूल सिद्धांत यह है कि सीबीडीसी में नकदी के समान ही गुमनामी की डिग्री हो सकती है, न अधिक और न कम। अतीत में दास और उनके डिप्टी टी रबी शंकर सहित आरबीआई अधिकारियों ने कहा है कि प्रौद्योगिकी गोपनीयता पर ऐसी चिंताओं का समाधान प्रदान करती है।

इस बीच दास ने दोहराया कि भारत सीबीडीसी को ऑफलाइन मोड में भी हस्तांतरणीय बनाने पर काम कर रहा है, उन्होंने बताया कि नकदी की प्रमुख विशेषताओं में से एक यह है कि इसे काम करने के लिए नेटवर्क कनेक्टिविटी की आवश्यकता नहीं है। इस साल फरवरी में दास ने सीबीडीसी की ऑफलाइन और प्रोग्राम योग्यता सुविधाओं की घोषणा की।

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