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Personal VS Gold Loan: पर्सनल या गोल्ड लोन कौन-सा ऑप्शन है आपके लिए बेहतर, यहां समझें दोनों के बीच का अंतर

पैसों की अरजेंट जरूरत महसूस हो रही है और लोन लेने के बारे में विचार बना रहे हैं तो ये जानकारी आपके काम की साबित हो सकती है। लोन को लेकर पर्सनल और गोल्ड लोन का विकल्प मौजूद होता है। हालांकि इन दोनों ही लोन में से कौन-सा विकल्प ज्यादा बेहतर है यह कई फैक्टर पर आधारित होता है। इन दोनों ही लोन के बीच अंतर समझना जरूरी है।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Sun, 10 Mar 2024 08:43 AM (IST)
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Personal VS Gold Loan: पर्सनल या गोल्ड लोन कौन-सा ऑप्शन है आपके लिए बेहतर
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पैसों की अरजेंट जरूरत पड़ने पर लोन का विकल्प काम आता है। हालांकि, सवाल यह आता है कि पर्सनल लोन और गोल्ड लोन में कौन-सा विकल्प ज्यादा बेहतर माना जा सकता है।

इन दोनों ही लोन के बीच अंतर को लोन अप्रूवल, इंटरेस्ट रेट, लोन की राशि, लोन चुकाने का समय जैसे फैक्टर के साथ समझा जा सकता है।

इन सभी फैक्टर के आधार पर आप अपने लिए दोनों ही लोन में से एक बेहतर विकल्प को चुन सकते हैं। दोनों ही लोन में से कौन- सा लोन आपके लिए बेहतर है इस आर्टिकल के जरिए समझ सकते हैं-

लोन अप्रूवल

पर्सनल लोन की बात करें तो इसके लिए व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर, मासिक आय, वर्क प्रोफाइल जैसे फैक्टर मायने रखते हैं।

वहीं, दूसरी ओर, गोल्ड लोन को सिक्योर लोन कहा जाता है क्योंकि इस तरह के लोन में लोन डिफॉल्ट के केस में सोने के आभूषणों को बेचा जा सकता है।

खराब क्रेडिट स्कोर होने पर जहां पर्सनल लोन मिलना कुछ मुश्किल हो जाता है वहीं इस स्थिति में गोल्ड लोन काम आता है।

इंटरेस्ट रेट

लोन लेने वाले व्यक्ति के क्रेडिट प्रोफाइल और लेंडर की क्रेडिट प्राइसिंग पॉलिसी के आधार पर पर्सनल लोन पर ब्याज तय होता है।

यह अमूमन सालाना 10.5 प्रतिशत की दर से शुरू होता है। हालांकि, कुछ पब्लिक सेक्टर बैंक लोन कम ब्याज दर पर भी ऑफर करते हैं।

वहीं, गोल्ड लोन के केस में यह लोन चुकाने के समय, राशि और रिपेमेंट के ऑप्शन पर आधारित होता है।

एक अच्छी क्रेडिट प्रोफाइल हो तो दोनों ही लोन के लिए ब्याज की दर एक जैसी ही होती है।

वहीं, यह ब्याज की दर खराब क्रेडिट स्कोर वालों के लिए गोल्ड लोन को लेकर पर्सनल लोन के मुकाबले कुछ कम हो सकती है।

लोन की राशि

पर्सनल लोन के साथ व्यक्ति 50 हजार रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक की पैसों की जरूरत को पूरा कर सकता है।

हालांकि, कुछ केस में यह राशि 30 से लाख रुपये तक भी हो सकती है। लोन की राशि रिपेमेंट कैपेसिटी और लोन चुकाने के समय पर आधारित होती है।

वहीं दूसरी ओर गोल्ड लोन के केस में लोन की राशि जमा किए गए सोने की कीमत और लेंडर द्वारा तय की गई लोन टू वैल्यू रेशो (LTV Ratio) पर आधारित होती है।

हालांकि, यहां समझने की जरूरत है कि केंद्रीय बैंक आरबीआई के नियमों के मुताबिक लोन टू वैल्यू रेशो 75 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

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लोन चुकाने का समय

पर्सनल लोन को चुकाने के लिए एक से 5 वर्ष का समय मिलता है। कुछ स्थितियों में लोन चुकाने का समय 7 से 8 वर्ष हो सकता है।

वहीं, दूसरी ओर, गोल्ड लोन के केस में लोन चुकाने के लिए अधिकतम 3 से 5 वर्ष का समय मिलता है। ऐसे में कम समय में ज्यादा लोन चुकाने के लिए मासिक ईएमआई भी ज्यादा होती है।