Move to Jagran APP

Petrol Diesel Price: कब तक कम होंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें? पेट्रोलियम मंत्री ने दी ये अहम जानकारी

Petrol Diesel Price पेट्रोल और डीजल की कीमतों को रोज सुबह अपडेट किया जाता है लेकिन सरकारी तेल कंपनियों ने 6 अप्रैल से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं। 22 मई को उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद कीमतों में कमी आई थी। तबसे पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बदले हैं।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Wed, 02 Nov 2022 08:18 PM (IST)
Hero Image
Petrol Diesel Price Cut: Oil Companies still losing money on diesel says Oil Minister Hardeep Singh Puri
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Petrol Diesel Price: पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर का शुद्ध नुकसान हो रहा है जबकि पेट्रोल पर उनका मार्जिन बढ़ गया है। कीमतों में कमी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आयल मार्केटिंग कंपनियों को अभी भी डीजल पर नुकसान हो रहा है।

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उनका मंत्रालय तीनों ईंधन खुदरा विक्रेताओं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के लिए यूक्रेन युद्ध के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बाजार में यथावत बनाए रखने में हुए नुकसान के लिए सरकार से सहायता मांगेगा।

डीजल पर हो रहा नुकसान

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें एक दशक से भी अधिक समय के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने के बावजूद तेल कंपनियों ने घरेलू कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। डीजल जिस दर पर बेचा जा रहा है, उससे तेल कंपनियों की लागत नहीं निकल पा रही है। कच्चे तेल की खरीद और इसे डीजल फ्यूल में बदलने की वास्तविक लागत के आधार पर नुकसान लगभग 3-4 रुपये प्रति लीटर है।

कितना हुआ तेल कंपनियों को घाटा

पुरी ने कहा कि तेल कंपनियों ने उपभोक्ताओं की मदद के लिए अत्यधिक उतार-चढ़ाव के दौरान भी कीमतों में नरमी बरती। तीनों ईंधन खुदरा विक्रेताओं को अप्रैल-जून तिमाही में 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध घाटा हुआ और अगली तिमाही में भी उनको नुकसान की आशंका है।

सरकार ने जारी किया है अनुदान

सरकार ने पिछले महीने सरकारी तेल कंपनियों को जून 2020 से घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए एकमुश्त अनुदान के रूप में 22,000 करोड़ रुपये दिए। एलपीजी घाटे के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने 28,000 करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन 22,000 करोड़ रुपये मिले।

कीमत में कमी की कितनी संभावना

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में नरमी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की उम्मीद बढ़ा दी थी। भारत द्वारा आयात किए जाने वाला क्रूड आयल बास्केट जून में बढ़कर 116 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गया था, लेकिन इस महीने यह घटकर 92.25 अमेरिकी डॉलर पर है। यदि कीमतों में कमी होती है तो 22 मई के बाद यह पहली कटौती होगी। उस समय सरकार ने ग्राहकों को बढ़ती कीमतों से बचाने और मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

ये भी पढ़ें-

AirAsia ने Tata Air India को बेची अपनी शेष हिस्सेदारी, आसियान देशों पर ध्यान केंद्रित करने की तैयारी

Digital Currency एक ऐतिहासिक उपलब्धि, रिटेल यूजर्स के लिए इसी महीने लॉन्च होगा ई-रुपया: आरबीआई गवर्नर