लगातार बढ़ती महंगाई से जूझ रहे आम लोगों की परेशानी में फिर से इजाफा हो गया है। तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दामों में और वृद्धि कर दी है। पेट्रोल की कीमत में 2.35 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है तो डीजल के दाम 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं। पिछले तीन महीने में पेट्रोल के दामों में यह छठी वृद्धि है। सिलसिला यहीं नहीं रुक रहा है। आने वाले दिनों में रसोई गैस और केरोसिन के दामों में भी वृद्धि की तैयारी सरकार ने कर ली है। इतना ही नहीं डीजल के दामों में अभी एक और बड़ी वृद्धि भी हो सकती है।
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लगातार बढ़ती महंगाई से जूझ रहे आम लोगों की परेशानी में फिर से इजाफा हो गया है। तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दामों में और वृद्धि कर दी है। पेट्रोल की कीमत में 2.35 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है तो डीजल के दाम 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं। पिछले तीन महीने में पेट्रोल के दामों में यह छठी वृद्धि है। सिलसिला यहीं नहीं रुक रहा है। आने वाले दिनों में रसोई गैस और केरोसिन के दामों में भी वृद्धि की तैयारी सरकार ने कर ली है। इतना ही नहीं डीजल के दामों में अभी एक और बड़ी वृद्धि भी हो सकती है।
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आम आदमी पर चलेगा कमजोर रुपये का चाबुक पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दाम शनिवार आधी रात से लागू होंगे। पेट्रोल के दाम बढ़ने के बाद अब दिल्ली में इसकी कीमत 73.63 रुपये, मुंबई में 80.96 रुपये, लखनऊ में 80.48 रुपये, पटना में 79.36 रुपये और भोपाल में 78.19 रुपये प्रति लीटर हो गई है। तेल कंपनियों का कहना है कि अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपये की तेजी से घटती कीमत के चलते पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला लिया गया है। पेट्रोलियम कंपनियां सरकार पर कीमतें बढ़ाने का दबाव बना रही थीं, जिससे उनका घाटा कम हो सके। लेकिन पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि का असर अन्य जरूरी चीजों के दामों पर भी होगा और उनकी कीमतें भी बढ़ेंगी। बीते तीन महीने से देश में पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। जून के बाद अब तक पेट्रोल की कीमत में वैट के अतिरिक्त कुल मिलाकर 9.17 रुपये का इजाफा हो चुका है। राज्यों के कर को इस कीमत में मिला लें तो दिल्ली में अब तक 11 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत बढ़ चुकी है। दिल्ली में वैट मिलाकर डीजल की कीमत 57 पैसे प्रति लीटर बढ़कर नई कीमत 51.97 रुपये प्रति लीटर हो गई है। 17 जनवरी के बाद डीजल की कीमत में यह आठवीं बढ़ोतरी है। यदि रुपये की कीमत में अवमूल्यन नहीं हुआ होता तो डीजल की कीमत बाजार मूल्य के समतुल्य हो गई होती।
पेट्रोलियम उत्पादों का सिलसिला अभी आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोईली ने बीते गुरूवार को वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ मुलाकात कर रुपये की कीमत घटने से तेल कंपनियों पर बढ़ रहे दबाव पर चर्चा की। मोईली ने प्रधानमंत्री को भी एक पत्र लिखकर तेल सब्सिडी के 97500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका जताई है। इसी के बाद माना जा रहा है कि सरकार डीजल में तीन से पांच रुपये की बड़ी वृद्धि के साथ रसोई गैस की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर और केरोसिन की कीमत दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाने पर लगभग तैयार हो गई है। माना जा रहा है कि संसद का मौजूदा मानसून सत्र खत्म हो जाने के बाद बढ़ी हुई कीमतों का ऐलान हो सकता है। मानसून सत्र 6 सितंबर को समाप्त हो रहा है। मोईली ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि रुपये की कीमत में गिरावट अगर मौजूदा स्तर पर रुक जाती है तो भी तेल कंपनियों का घाटा चालू वित्त वर्ष में 180000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। बीते साल तेल कंपनियों को 161000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। रुपये की कीमत में 25 फीसद अवमूल्यन होने से हर महीने डीजल की कीमत पचास पैसे प्रति लीटर बढ़ने के बावजूद 10.22 रुपये प्रति लीटर का अंतर बना हुआ है।