PhonePe IPO: 10 अरब डालर के मूल्यांकन पर आइपीओ लाएगी फोनपे, कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाएगी
कंपनी ने अपनी पंजीकृत होल्डिंग इकाई को सिंगापुर से भारत स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। फोनपे के निदेशक मंडल ने पहले ही होल्डिंग कंपनी को भारत स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। कंपनी की योजना भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने की है।
By Praveen Prasad SinghEdited By: Updated: Thu, 16 Jun 2022 09:37 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई : डिजिटल भुगतान से जुड़ी सेवाएं देने वाली कंपनी फोनपे (PhonePe) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) से जुड़ी तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, आइपीओ के लिए फोनपे आठ से 10 अरब डालर के मूल्यांकन तय करने पर विचार कर रही है। फोनपे, अमेरिकी कंपनी वालमार्ट के नेतृत्व वाले फ्लिपकार्ट ग्रुप की सहयोगी कंपनी है। सूत्रों के मुताबिक, फोनपे आइपीओ से जुटाई जाने वाली राशि का इस्तेमाल वित्तीय सेवाएं पोर्टफोलियो, अपने प्रमुख यूपीआइ आधारित भुगतान संचालन और निवेश बैंकिंग में करेगा। सूत्रों का कहना है कि आइपीओ की प्रक्रिया में आगे बढ़ाने के लिए फोनपे जल्द ही बैंकर्स और कानूनी सलाहकार से चर्चा शुरू कर सकता है। कंपनी की योजना भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने की है।
निवेश बैंकिंग सूत्रों ने बताया कंपनी का इरादा आईपीओ के जरिये धन जुटाकर अपने वित्तीय सेवा पोर्टफोलियो का विस्तार करने और अपने मुख्य यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आधारित भुगतान परिचालन को ‘गहरा’ करने का है। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान कंपनी आठ से दस अरब डॉलर के मूल्यांकन पर यह राशि जुटाना चाहती है।कंपनी ने अपनी पंजीकृत होल्डिंग इकाई को सिंगापुर से भारत स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। फोनपे के निदेशक मंडल ने पहले ही होल्डिंग कंपनी को भारत स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
PhonePe की स्थापना फ्लिपकार्ट के पूर्व अधिकारियों समीर निगम, राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर द्वारा की गई थी, और इसे 2016 में Flipkart द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था। 2018 में Flipkart को Walmart द्वारा अधिग्रहित किया गया था और PhonePe भी उस लेनदेन का हिस्सा था।निवेश बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि कंपनी अपने मुख्य व्यवसायों के मुनाफे में आने के बाद सार्वजनिक होने की योजना बना रही है, जिसे 2023 तक हासिल करने की उम्मीद है। इसके अलावा, PhonePe ने भारत में बढ़ते UPI-आधारित लेनदेन का लाभ उठाने के लिए दिसंबर के अंत तक अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 5,200 करने की योजना बनाई है। कंपनी के पास बेंगलुरु, पुणे, मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में 2,600 कर्मचारी और 2,800 रिक्तियां हैं।