श्रीलंका और बांग्लादेश के अलावा कई देश चाहते हैं स्थानीय मुद्रा से हो लेन-देन: पीयूष गोयल
भारत वैश्विक स्तर पर रुपया को पहचान बनाने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। भारत कई विदेशी व्यापार के लिए रुपये की जगह डॉलर का इस्तेमाल करता है। हालांकि पहली बार संयुक्त अरब अमीरात के साथ स्थानीय मुद्रा में लेन-देन किया है। इस लेन-देन को लेकर पीयूष गोयल ने कहा कि बांग्लादेश श्रीलंका और कई देश भारत के साथ रुपये का व्यापार शुरू करना चाहते हैं।
पीयूष गोयल कहते हैं कि
वह आगे कहते हैं कि कई देश इस व्यवस्था के लिए आगे आए हैं और इसके लिए भारत से बात कर रहे हैं क्योंकि वे भी अपनी स्थानीय मुद्रा और रुपये के बीच सीधा लेनदेन शुरू करना चाह रहे हैं।बांग्लादेश, श्रीलंका पहले से ही हमसे बात कर रहे हैं और वे चाहते हैं कि हम तुरंत रुपये में कारोबार शुरू करें। खाड़ी क्षेत्र के अन्य देश इस पर विचार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि लोगों को लाभ देखने में कुछ समय लगेगा। अधिक से अधिक विकसित देश और सुदूर पूर्व के देश भी इसमें शामिल हो रहे हैं। सिंगापुर पहले से ही कुछ हद तक इसमें शामिल है।
पीयूष गोयल ने बताया कि
गोयल ने कहा, "यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें समय लगता है। इसमें ढांचा तैयार करने के लिए दोनों देशों के केंद्रीय बैंकरों को शामिल किया जाता है और फिर इसे आयातकों और निर्यातकों द्वारा स्वीकृति दी जाती है।"यह जुड़ाव इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि भारतीय रुपया ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले स्थिर है और विशेषज्ञों के मुताबिक, यही एक कारण है कि आज विभिन्न देश रुपये के व्यापार पर आधारित व्यापार संबंध बनाना चाहते हैं। रुपये के व्यापार से उन कई देशों को भी मदद मिल रही है, जिनके पास डॉलर की कमी है।स्थानीय मुद्रा से लेन-देन संयुक्त अरब अमीरात से शुरु हुआ। संयुक्त अरब अमीरात पहला देश है जिसने भारतीय करेंसी से लेन-देन को स्वीकार किया है। अब यह जोर पकड़ रहा है।