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जेनेरिक दवाओं में आत्मनिर्भर बने उद्योग : पीयूष गोयल

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयन ने कहा है कि ग्लोबल चुनौतियों का सामना करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिए। ग्लोबल सप्लाई चेन के बारे में पूर्वानुमान लगाना पहले के मुकाबले काफी चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है ।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Sun, 17 Apr 2022 07:28 AM (IST)
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एफटीए से भारतीय दवा उत्पादों के लिए दुनियाभर में आसानी से मंजूरी पाने के रास्ते खुलेंगे। (Pti)
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने घरेलू फार्मा उद्योग से जेनेरिक दवाओं में मजबूत बनने और कच्चे माल व उत्पादन के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने को कहा है। गोयल ने इंडियन ड्रग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (आइडीएमए) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए शुक्रवार को कहा कि फार्मा उद्योग को ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिए। इस क्षेत्र में पिछले एक दशक के दौरान आई तेजी को बरकरार रखने का मंत्र देते हुए गोयल का कहना था कि फार्मा सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने के लिए यह जरूरी हो गया है।

कच्चे माल और उत्पादन के बीच तालमेल भी बनाए रखें

वाणिज्य मंत्री ने कहा कि ग्लोबल सप्लाई चेन के बारे में पूर्वानुमान लगाना लगातार बेहद चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम न सिर्फ जेनेरिक दवाओं के क्षेत्र में अपनी मजबूती पर ध्यान दें, बल्कि कच्चे माल एवं उत्पादन के बीच तालमेल भी बनाए रखें। गोयल के अनुसार देश को लंबी अवधि में आत्मनिर्भर बनने की योजना पर काम करना होगा। ऐसा होने पर ही हम दुनिया के सामने ताकतवर देश के विश्वास के साथ जाएंगे और अपने उद्योग के बेहतर भविष्य के लिए दुनिया के साथ समान शर्तों पर काम करेंगे।

भारत को स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र का संरक्षक बनने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए

गोयल ने कहा कि भारत को दुनिया के स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र का संरक्षक बनने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए। हर देश अपने प्रमुख उद्योग को संरक्षण देता है और मेरा मानना है कि हमारे लिए यह प्रमुख उद्योग फार्मा है।

प्रमुख कंपनियों को PLI का फायदा उठाना चाहिए

उन्होंने फार्मा क्षेत्र के लिए सरकार की तरफ से लाई गई उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों को इसका फायदा उठाना चाहिए। कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से भारतीय दवा उत्पादों के लिए दुनियाभर में आसानी से मंजूरी पाने के रास्ते खुलेंगे।