भारतीय रुपये ने दिखाया अधिक लचीलापन, हाल के वर्षों में हुआ सबसे कम मूल्यह्रास : पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि निर्यातकों को अपने व्यापार के लिए रुपये की गिरती हुई कीमत पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके बजाय उन्हें ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता से खड़ा होना चाहिए।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 03:55 PM (IST)
लॉस एंजेलिस, एजेंसी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारतीय रुपये ने हाल के वर्षों में अन्य मुद्राओं की तुलना में अधिक लचीलापन दिखाया है। इसका अवमूल्यन 2014 से पहले की तुलना में कम हुई है।
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि निर्यातकों को गिरते रुपये पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और उन्हें उत्पादों की गुणवत्ता और वैश्विक बाजारों में ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने की अपनी क्षमता के आधार पर खड़ा होना चाहिए।
भारतीय रुपये ने दिखाया लचीलापन
गोयल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'मुझे नहीं लगता कि रुपये के लिए कोई आरामदायक या असुविधाजनक स्तर है। रुपया अपनी जगह स्थिर है। प्रत्येक देश में मुद्रास्फीति, पूंजी प्रवाह और जोखिम-रिवॉर्ड का अनुपात एक प्रक्रिया का हिस्सा है। मुझे खुशी है कि हाल के वर्षों में भारतीय रुपये ने अधिकांश मुद्राओं की तुलना में अधिक लचीलापन दिखाया है।'यह पूछे जाने पर कि रुपये का आरामदायक स्तर क्या हो सकता है, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यदि आप 2014 से पहले भारतीय रुपये को देखते हैं तो वर्तमान में भारतीय रुपये के मूल्य में ह्रास लगभग 2.5 प्रतिशत सीएजीआर CAGR (Compounded Annual Growth Rate) पर हो रहा है। इसका मतलब यह है कि भारतीय रुपये की मजबूती में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
बता दें कि सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया 79.67 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।