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पीएम गति शक्ति योजना ने बदली भारत की तस्वीर, मॉर्गन स्टेनली ने भी माना लोहा

भारत ने पिछले एक दशक में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती से बढ़ाया है। इसमें निवेश करने से देश को कई मोर्चों पर फायदा मिलता है। पीएम गति शक्ति योजना भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ हाइवे रेलवे और बंदरगाहों में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी की रफ्तार बढ़ाने में सफल रही है। इसका भारत की आर्थिक विकास दर को बेहतर करने में मदद मिली है।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 28 Jun 2024 04:34 PM (IST)
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पीएम गति शक्ति ने भारत के आर्थिक विकास को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।

आईएएनएस, नई दिल्ली। पीएम गति शक्ति योजना भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ हाइवे, रेलवे और बंदरगाहों में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी की रफ्तार बढ़ाने में सफल रही है। इसका भारत की आर्थिक विकास दर को बेहतर करने में मदद मिली है। यह बात प्रतिष्ठित ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने अपनी एक रिपोर्ट में कही है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पिछले एक दशक में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती से बढ़ाया है। इसमें निवेश करने से देश को कई मोर्चों पर फायदा मिलता है। "हमें उम्मीद है कि भारत का बुनियादी ढांचा निवेश वित्त वर्ष 24 में सकल घरेलू उत्पाद के 5.3 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 29 तक सकल घरेलू उत्पाद का 6.5 प्रतिशत हो जाएगा। इसका मतलब है कि बुनियादी ढांचे के निवेश में 15.3 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर दर्ज करने की उम्मीद है। इससे अगले पांच साल में 1.45 ट्रिलियन डॉलर का कुल खर्च होगा।"

रिपोर्ट में बैंक की लॉजिस्टिक्स इंडेक्स रिपोर्ट, 2023 का हवाला दिया गया है। इसके मुताबिक, भारतीय बंदरगाहों में औसत कंटेनर डवेल टाइम तीन दिन था। वहीं, यूएई और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के लिए यह चार दिन, अमेरिका के लिए सात दिन और जर्मनी के लिए 10 दिन था। भारतीय बंदरगाहों का "टर्नअराउंड टाइम" 0.9 दिन तक पहुंच गया है, जो अमेरिका (1.5 दिन), ऑस्ट्रेलिया (1.7 दिन), सिंगापुर (1.0 दिन) आदि से बेहतर है।

कब शुरू हुई थी गति शक्ति योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान लॉन्च किया था। इसे देश की आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने वाला नया नजरिया माना गया। इसमें सड़कें, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग और रसद बुनियादी ढांचे शामिल हैं, जो अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए "7 इंजन" हैं।

मॉर्गन स्टेनली रिपोर्ट के अनुसार, पीएम गति शक्ति के तहत जो पहल शुरू की गई थी, अब उसके नतीजे सामने आ रहे हैं। पीएम गति शक्ति योजना के तहत अब तक बंदरगाहों और शिपिंग क्षेत्रों में कार्यान्वयन के लिए कुल मिलाकर 60,900 करोड़ रुपये की 101 परियोजनाओं की पहचान की गई है। अप्रैल 2023 तक, 8,900 करोड़ रुपये की 26 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 15,340 करोड़ रुपये की 42 परियोजनाएं विकास के अधीन हैं, और 36,640 करोड़ रुपये की 33 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं।

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