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PM Modi ने कहा: ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आज़माने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है

Narendra Modi Speech Highlights प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के 95 वें सालाना कार्यक्रम को संबोधित किया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Updated: Fri, 12 Jun 2020 07:28 AM (IST)
PM Modi ने कहा: ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आज़माने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के 95 वें सालाना कार्यक्रम को संबोधित किया है। इस संबोधन में पीएम मोदी ने कोरोना संकट को अवसर में बदलने की बात कही। उन्होंने कहा, 'इस समय आईसीसी के सदस्यों के चेहरे पर और करोड़ों देशवासियों के चेहरे पर मैं एक नया विश्वास और आशा देख सकता हूं। पूरा देश इस संकल्प से भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में बदलना है और इसे हमें एक बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट भी बनाना है। यह टर्निंग प्वाइंट है, आत्मनिर्भर बनना।' इससे पहले प्रधानमंत्री ने दो जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की एजीएम में भाग लिया था।

देश कई चुनौतियों से लड़ रहा

पीएम मोदी ने कहा कि आईसीसी ने पूर्वी भारत के लिए जो काम किया है, वह महत्वपूर्ण हैं। आईसीसी ने आजादी की लड़ाई को देखा है। आईसीसी ने विभाजन, भीषण अकाल और अन्य संकटो को देखा है। 95 वर्षों से निरंतर देश की सेवा करना किसी भी संगठन के लिए बहुत बड़ी बात है। इस बार की एजीएम ऐसे समय में हो रही है, जब देश कई सारी चुनौतियों से लड़ रहा है।

मुसीबत की एक ही दवाई- मजबूती

पीएम मोदी ने कहा, 'एक राष्ट्र के रूप में इच्छाशक्ति हमारी बहुत बड़ी ताकत है। मुसीबत की एक ही दवाई है, वह है मजबूती। इस समय आईसीसी के सदस्यों के चेहरे पर और करोड़ों देशवासियों के चेहरे पर मैं एक नया विश्वास और आशा देख सकता हूं। पूरा देश इस संकल्प से भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में बदलना है।'

यह है अवसर को पहचानने का समय

पीएम मोदी ने कहा, 'यह समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आज़माने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है। यह अगर सबसे बड़ा संकट है, तो हमें इससे सबसे बड़ी सीख लेते हुए, इसका पूरा लाभ भी उठाना चाहिए।'

देश को बनाना है आत्मनिर्भर

पीएम मोदी ने कहा, 'आत्मनिर्भरता का भाव बरसों से हर भारतीय ने एक आकांक्षा की तरह जिया है, लेकिन फिर भी एक बड़ा काश हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है। हर वो चीज, जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर है, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं उत्पादों का भारत निर्यातक कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है।'

लोकल के लिए वोकल बनें

पीएम ने कहा, 'हम इन छोटे-छोटे व्यापार करने वाले लोगों से केवल चीज ही नहीं खरीदते, पैसे ही नहीं देते, उनके परिश्रम को पुरुस्कृत करते हैं, मान-सम्मान बढ़ाते हैं। हमें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि इससे उनके दिल पर कितना प्रभाव पड़ता है, वो कितना गर्व महसूस करते हैं।'

मन के हारे हार, मन के जीते जीत

पीएम मोदी ने कहा, 'तमाम संकट हम सभी एक साथ मिलकर लड़ रहे हैं। कभी-कभी समय भी हमें परखता है। हमने यह भी अनुभव किया है कि ऐसी कसौटी में भी हमारा संकल्प उज्जवल भविष्य की गारंटी लेकर आता है। हम मुश्किलों से कितनी मजबूती से लड़ रहे हैं, यह आने वाले अवसरों को तय करता है। मन के हारे हार, मन के जीते जीत, यानी हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है, उसके सामने नए अवसर दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं। वहीं, जो एक-दूसरे का सहयोग करते हुए आगे बढ़ता है, उसके लिए नए अवसर बहुत ज्यादा आते हैं।'

पीपल, प्लेनेट और प्रॉफिट के लिए हो काम

पीएम मोदी ने कहा, 'पीपल, प्लेनेट और प्रॉफिट एक दूसरे से इंटरलिंक्ड हैं। ये तीनों एक साथ पनप सकते हैं, साथ-साथ रह कर सकते हैं। मैं आपको कुछ उदाहरण देकर समझाता हूं। जैसे एलईडी बल्ब। 5-6 वर्ष पहले एक एलईडी बल्ब साढ़े तीन सौ रुपए से भी ज्यादा में मिलता था, आज प्रतिवर्ष देशवासियों के करीब-करीब 19 हजार करोड़ रुपए बिजली के बिल में, एलईडी की वजह से बच रहे हैं। ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है। भारत में एक और अभियान अभी चल रहा है, देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का अभियान। इसमें पीपुल, प्लेनेट और प्रॉफिट तीनों ही विषय मौजूद होते हैं। विशेषकर पश्चिम बंगाल के लिए तो ये बहुत ही फायदेमंद है। इससे आपके यहां जूट का कारोबार बढ़ने की संभावना बढ़ती है। लोगों के लिए, लोगों के द्वारा और प्लेनेट फ्रेंडली डेवलपमेंट की अप्रोच अब देश में गवर्नेंस का हिस्सा बन गई है, जो हमारे तकनीकी हस्तक्षेप हैं, वो भी पीपल, प्लेनेट और प्रॉफिट के विचार के अनुकूल ही है।'

मैन्यूफैक्चरिंग में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को करना है पुनर्जीवित

पीएम मोदी ने कहा, 'मैन्यूफैक्चरिंग में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को हमें पुनर्जीवित करना होगा। हम हमेशा से सुनते आए हैं “बंगाल जो आज सोचता है, भारत वह कल सोचता है”। इससे प्रेरणा लेते हुए हमें आगे बढ़ना होगा।आप सभी नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत में इतने दशकों से काम कर रहे हैं। सरकार ने जो तमाम कदम उठाए हैं, इनका बहुत बड़ा लाभ पूर्वी और नॉर्थ ईस्ट के लोगों को होगा। मैं समझता हूं कि कोलकाता भी खुद फिर से एक बहुत बड़ा लीडर बन सकता है। वहीं, सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट, ऑर्गैनिक खेती के लिए बहुत बड़ा हब बन सकता है। ऑर्गैनिक कैपिटल बन सकता है।'

एग्रीकल्चर इकोनॉमी को वर्षों की गुलामी से किया मुक्त

पीएम ने कहा, 'किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को वर्षों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने उत्पाद, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आज़ादी मिल गई है। लोकल उत्पाद के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर हैं। जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।'

पिछड़े लोगों तक पहुंच रही बैंकिंग सेवाएं

पीएम मोदी ने कहा, 'अब देश में बैंकिंग सर्विस का दायरा सभी पिछड़े लोगों तक पहुंच रहा है। DBT, JAM यानी जनधन, आधार व मोबाइल के माध्यम से बिना लीकेज के करोड़ों लाभार्थियों तक जरूरी सहायता पहुंचाना संभव हुआ है। आप ये जानते ही हैं कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर छोटे-छोटे सेल्फ हेल्प ग्रुप, MSMEs, सीधे भारत सरकार को अपने सामान और अपनी सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं। देश में ही सोलर पैनल की मैन्युफेक्चरिंग, पावर स्टोरेज की क्षमता बढाने के लिए बेहतर बैटरीज के R&D और मैन्यूफैक्चरिंग में निवेश करें जो इस काम में जुटे हैं, ऐसे संस्थानों के, MSMEs के साथ आएं।'

टैगौर की कविता से भरा जोश

पीएम मोदी ने कहा, 'गुरुवर टैगौर ने अपनी कविता ‘नूतोन जुगेर भोर’ में कहा है-“चोलाय चोलाय बाजबे जोयेर मेरी,पाएर बेगेई पोथ केटे जाय कोरिश ना आर देरी” अर्थात हर आगे बढ़ने वाले कदम पर घोषनाद होगा। दौड़ते पाँव ही नया रास्ता बना देंगे। अब देरी मत करो'

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प्रधानमंत्री ने इससे पहले सीआईआई की बैठक में कहा था कि विश्व में भारत के प्रति एक विश्वास पैदा हुआ है। भारत को एक विश्वसनीय पार्टनर के रूप में देखा जाता है। इसका फायदा भारतीय उद्योगों को उठाना चाहिए। सीआईआई के 125 वें सालाना सत्र को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा था, 'दुनिया एक विश्वसनीय पार्टनर के लिए देख रही है। भारत में क्षमता है, ताकत है और योग्यता है। इस समय भारतीय उद्योगों को विश्वभर में भारत के प्रति पैदा हुए विश्वास का फायदा उठाना चाहिए।'

पीएम ने कहा था, 'ग्रोथ को वापस लाना इतना कठिन नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय उद्योगों के पास आत्मनिर्भरता का एक स्पष्ट लक्ष्य है।' प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश को अब 'Made in India' उत्पाद बनाने की जरूरत है, जो 'Made for the World'हों।

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देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसमें अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लॉकडाउन के शुरुआती चरणों में औद्योगिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। लॉकडाउन में ढील दिये जाने के बाद औद्योगिक गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस विकट समय में 20 लाख करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर भारत पैकेज भी लाया गया।