PM Narendra Modi Birthday काशी विश्वनाथ कॉरिडोर महात्मा मंदिर साबरमती रिवरफ्रंट स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और सेंट्रल विस्टा ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं जिन्हें पीएम मोदी ने शुरू किया। इनमें से तीन प्रोजेक्ट्स पर काम पूरा हो चुका है। साबरमती रिवरफ्रंट फेस-2 और सेंट्रल विस्टा पर काम जारी है।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sat, 17 Sep 2022 03:10 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 72 वां जन्मदिन हैं। उनका जन्म 17 सितंबर, 1950 को हुआ था। मोदी पिछले आठ साल से देश की सत्ता में काबिज है और इससे पहले वे 2001 से लेकर 2014 तक लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री रहते हुए कई ऐसे प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतारा, जिनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
इन प्रोजेक्ट्स में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सेंट्रल विस्टा, साबरमती रिवरफ्रंट और महात्मा मंदिर का नाम शामिल हैं।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक हैं। इस प्रोजेक्ट पर कार्य सरकार की ओर से जुलाई 2020 में शुरू किया गया था। इस पर कुल 600 करोड़ रुपये का खर्च आया था। इसे 5 लाख वर्ग मीटर के इलाके में बनाया गया है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
इस प्रोजेक्ट को पीएम मोदी ने सीएम रहते हुए अक्टूबर 2010 में लॉन्च किया था। इसे देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में बनाया गया है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने के लिए देश भर के किसानों ने लोहे के उपकरण दान किए थे। इस प्रोजेक्ट पर काम 31 अक्टूबर, 2013 को शुरू हुआ था और 31 अक्टूबर 2018 को पीएम मोदी ने इसका लोकार्पण किया था।
सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत कर्तव्य पथ (राजपथ) का सौंदर्यीकरण, नए संसद भवन का निर्माण और कई सरकारी भवनों पुनर्विकास का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत ही इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई गई है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 20,000 करोड़ रुपये है।
महात्मा मंदिर
महात्मा मंदिर 34 एकड़ में फैला भारत का सबसे बड़ा कॉन्फ्रेंस हॉल है। इसकी खास बात यह है कि 15 हजार लोगों की क्षमता वाले इस हॉल में कोई भी पिलर नहीं है। इसकी छत के रूप में एक 6.5 वजनी कांच वाला एक कोन रखा गया है।
साबरमती रिवरफ्रंट
साबरमती रिवरफ्रंट भी पीएम मोदी की मुख्यमंत्री रहते हुए बड़ी उपलब्धियों में से एक हैं। इसका पहली बार खाका 1964 में पेश किया गया था। लेकिन इस पर काम नरेंद्र मोदी के सीएम बनाने के बाद 2005 में शुरू किया गया था। 2012 में इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। फिलहाल इसके फेस-2 पर काम चल रहा है।
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