Move to Jagran APP

India Manufacturing PMI: जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर घटी, नए ऑर्डर और आउटपुट में नरमी रही वजह

PMI Data जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ को लेकर पीएमआई डेटा जारी हो गया है। पीएमआई डेटा के अनुसार जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ में हल्की गिरावट देखने को मिली है। जहां जून में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ 58.3 थी वह जुलाई में 58.1 हो गई है। नए ऑर्डर और आउटपुट में नरम वृद्धि के कारण जुलाई में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ थोड़ी कम हुई।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Thu, 01 Aug 2024 12:56 PM (IST)
Hero Image
PMI Data: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पिछले महीने आई नरमी
पीटीआई, नई दिल्ली। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ को दर्शाने वाला पीएम आई डेटा जारी हो गया है। इस डेटा के अनुसार जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ में नरमी देखने को मिली है। मासिक सर्वे के अनुसार नए ऑर्डर और आउटपुट में नरम वृद्धि के कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ में कमी आई है।

HSBC की इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के अनुसार जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ 58.1 पर आ गया जो जून में 58.3 था। हालांकि, अभी भी ग्रोथ विस्तार की ओर ही है। आपको बता दें कि पीएमआई की भाषा में 50 से नीचे का मतलब संकुचन होता है वहीं 50 से ज्यादा का अर्थ विस्तार है।

इंटरनेशनल सेल में बढ़ोतरी

सर्वे के अनुसार कोयला, लेदर, पैकिंग, पेपर, रबड़ और स्टील पर भारतीय मैन्युफैक्चर्स ज्यादा पैसे खर्च कर रहे हैं। सर्वे में बताया कि भारतीय मैन्युफैक्चर्स ने कहा कि नए वर्क में इजाफा हुआ है। एशिया, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और मिडल ईस्ट देशों के क्लाइंट से पॉजिटिव रिस्पांस मिला है। इस वजह से इंटरनेशनल सेल में बढ़ोतरी हुई है।

भारत के हेडलाइन मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई ने जुलाई में विस्तार की गति में मामूली मंदी देखी, लेकिन अभी भी कई घटक मजबूत स्तर पर हैं। इस वजह से ग्रोथ में आई नरमी चिंता का विषय नहीं है।

प्रांजुल भंडारी, एचएसबीसी में मुख्य भारत अर्थशास्त्री

यह भी पढ़ें- Post Office Scheme: सीनियर सिटिजन सेविंग्‍स स्‍कीम में मिलता है तगड़ा ब्‍याज, 60 साल से ज्यादा उम्र वाले ही कर सकते हैं निवेश

अगस्त में होगी एमपीसी बैठक

हर दो महीने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक होती है। इस बैठक में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समीक्षा समिति रेपो रेट के साथ कई बड़े फैसले लेती है। आखिरी बार जून 2024 में एनपीसी की बैठक हुई थी। इस बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया गया। रिटे महंगाई में नरमी ना आने की वजह से समिति ने यह फैसला लिया है।

अब अगली बैठक अगस्त में होगी। 8 अगस्त को एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया जाएगा।

यह भी पढ़ें- पब्लिक सेक्टर के बैंकों को मिली छूट, MPS मेंटेन करने के लिए सरकार ने 2 साल के लिए बढ़ाई समयसीमा