Move to Jagran APP

India Services PMI : सर्विस सेक्टर की ग्रोथ हुई धीमी, पीएमआई 2 अंक घटकर 60.3 पर आई

Services PMI जुलाई में सर्विस सेक्टर ग्रोथ को लेकर सर्वे रिपोर्ट जारी हो गई। रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में सर्विस सेक्टर ग्रोथ की गति में नरमी आई है। जून की तुलना में यह 2 अंक गिरकर 60.3 अंक रहा। हालांकि यह अभी भी विस्तार को ही दर्शा रहा है। अगर यह 50 अंक से नीचे होता तो इसका मतलब संकुचन होता।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Mon, 05 Aug 2024 12:20 PM (IST)
Hero Image
Services PMI की गति हुई धीमी, जुलाई में 2 अंक की हुई गिरावट
पीटीआई, नई दिल्ली। Services PMI for July 2024: हर महीने सर्विस सेक्टर की ग्रोथ (Service Sector Growth) को लेकर सर्वे रिपोर्ट जारी की जाती है। इस रिपोर्ट में सर्वे के आधार पर बताया जाता है कि सर्विस सेक्टर ग्रोथ कैसी है। जुलाई महीने की सर्विस सेक्टर ग्रोथ सर्वे रिपोर्ट जारी हो गई है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में सर्विस सेक्टर ग्रोथ जून की तुलना में धीमी रही है।

मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई इंडेक्स जुलाई में 60.3 रही जो जून में 60.5 था। हालांकि, अभी भी इसमें विस्तार जारी है। पीएमआई (PMI) की भाषा में 50 से ऊपर का अंक विस्तार को दिखाता है और 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है।

पिछले महीने जुलाई में सर्विस सेक्टर ग्रोथ की गति धीमी रही। घरेलू मांग से प्रेरित होकर नए कारोबार में वृद्धि आई। सर्विस कंपनियां आने वाले सालों के लिए आशावादी है। निर्यात के मामले में भारत में अभी भी वृद्धि है। सबसे ज्यादा ऑर्डर ऑस्ट्रिया, ब्राजील, चीन, जापान, सिंगापुर, नीदरलैंड और अमेरिका से आ रहा है। सितंबर 2014 में पीएम सर्वे की शुरुआत हुई थी।

एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी

यह भी पढ़ें: Indian Railways: प्लेटफॉर्म टिकट से भी कर सकते हैं सफर, भारतीय रेलवे के नियम के बारे में नहीं जानते कई लोग

भर्ती में हुआ बढ़ावा

पीएमआई की सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि जुलाई में सर्विस कंपनियों ने भर्ती को बढ़ावा दिया है। एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जून में 60.9 था जो जुलाई में 2 अंक गिरकर 60.7 रहा।

आपको बता दें कि यह सर्वे रिपोर्ट 400 सर्विस सेक्टर कंपनियों को भेजे गए सवालों के जवाब के आधार पर तैयार की जाती है।

यह भी पढ़ें: Dollar vs Rupee: लाइफ-टाइम लो पर पहुंच गया रुपया, फॉरेन आउटफ्लो रही गिरावट की वजह