PMLA: डिजिटल संपत्ति रखने वालों की होगी केवाईसी, Crypto एक्सचेंज और बिचौलियों को करने होंगे ये इंतजाम
सरकार द्वारा क्रिप्टो ट्रेडिंग को मनी लॉन्डरिंग के तहत लाने से कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अब क्रिप्टो एक्सचेंज और बिचौलियों को डिजिटल संपत्ति रखने वाले ग्राहकों की केवाईसी और लेनदेन का रिकॉर्ड रखना होगा। (जागरण फाइल फोटो)
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Wed, 08 Mar 2023 09:34 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वर्चुअल डिजिटल संपत्ति से जुड़े क्रिप्टो (Crypto) एक्सचेंजों और मध्यस्थों को अब अपने ग्राहकों और मंच के उपयोगकर्ताओं का केवाईसी करना होगा। वित्त मंत्रालय द्वारा क्रिप्टो लेनदेन को मनी लॉन्डरिंग कानून के तहत लाने से अब इनके सामने एक नई चुनौती पैदा हो गई है।
वित्त मंत्रालय द्वारा 7 मार्च को किए गए एक संशोधन के बाद आभासी डिजिटल संपत्ति में काम करने वाली संस्थाओं को अब पीएमएलए के तहत 'रिपोर्टिंग इकाई' माना जाएगा। इसके मुताबिक, वर्चुअल डिजिटल संपत्ति (VDA) और फिएट मुद्राओं के बीच एक्सचेंज, वीडीए के हस्तांतरण या वीडीए के सुरक्षित रखरखाव और प्रशासन में शामिल संस्थाओं के अलावा टोकन जारीकर्ता की पेशकश और वीडीए की बिक्री से संबंधित वित्तीय सेवाओं में भागीदारी मनी लॉन्डरिंग के तहत 'रिपोर्टिंग इकाई' मानी जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने किया बदलाव
एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून PMLA के तहत, रिपोर्टिंग संस्थाओं को अपने ग्राहकों की पहचान के लिए केवाईसी विवरण या दस्तावेजों के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने की जरूरत होती है। इसके अलावा उन्हें खाता फाइलों और अपने ग्राहकों से संबंधित व्यापार पत्राचार को भी सुरक्षित रखने की आवश्यकता होती है।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि ऐसे सभी बिचौलियों को सभी लेनदेन का रिकॉर्ड बनाए रखने की जरूरत होगी। ऐसे रिकॉर्ड को न्यूनतम पांच साल तक सुरक्षित रखना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार क्रिप्टो के लिए एक ठोस नीति तैयार करने में लगी है। अगले कुछ वर्षों में इस तरह के कुछ और नियम सामने आ सकते हैं।