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Policybazaar Data: पॉलिसीबाजार का आइटी सिस्टम हैक, कंपनी ने कहा- सुरक्षित है ग्राहकों का डाटा

Policybazaar Data पॉलिसीबाजार के आईटी सिस्टम को हैक करने की कोशिश 9 जुलाई को हुई थीं। कंपनी ने अब यह बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की है। कंपनी ने यह भी बताया है कि ग्राहकों का कोई डाटा हैकर्स के हाथ नहीं लगा है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Mon, 25 Jul 2022 08:10 AM (IST)
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Policybazaar Says Its IT System Was Hacked
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पॉलिसीबाजार इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड (Policybazaar) की मूल कंपनी पीबी फिनटेक (PB Fintech) ने रविवार को कहा कि कंपनी के आइटी सिस्टम को 19 जुलाई को हैक कर लिया गया था। बीमा ब्रोकरेज फर्म ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि इस संबंध में उपयुक्त कानूनी मदद ली जा रही है। खराबी को ठीक करने के साथ ही सिस्टम का आडिट शुरू कर दिया गया है। अब तक की जांच से पता चला है कि कोई महत्वपूर्ण डाटा हैकर्स के हाथ नहीं लगा है।

सुरक्षित है ग्राहकों का डेटा

आईटी सिस्टम को हैक होने के बाद जल्द ही उसको उसको रिस्टोर कर लिया गया। कंपनी को 19 जुलाई को पॉलिसीबाजार इंश्योरेंस ब्रोकर के आइटी सिस्टम के एक हिस्से में कुछ खामियों का पता चला। जांच करने के बाद जो तथ्य सामने आए, कंपनी उनकी पड़ताल कर रही है। बीमा ब्रोकरेज फर्म ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, "इस संबंध में पॉलिसीबाजार सक्षम अधिकारियों तक पहुंच गया है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। कमजोरियों को ठीक कर दिया गया है और सिस्टम का ऑडिट शुरू कर दिया गया है।" कंपनी की इंफॉर्मेशन सेक्यूरिटी टीम फिलहाल मामले की समीक्षा कर रहा है। कंपनी का दावा है कि हैकिंग की इस कोशिश में कोई महत्वपूर्ण कस्टमर डाटा लीक नहीं हुआ है। कंपनी ने कहा है कि पॉलिसीबाजार ने हमेशा अपने सिस्टम की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। हम ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

पॉलिसीबाजार बीमा ब्रोकरेज के क्षेत्र में सक्रिय है और पॉलिसीधारकों के लेनदेन सहित उनके बहुत से विवरण अपने डाटा बेस में संग्रहीत करता है। पॉलिसीबाजार की स्थापना साल 2008 में हुई थी। कंपनी पहले केवल एक बीमा एग्रीगेटर के रूप में काम करती थी। कंपनी में सॉफ्टबैंक, इन्फो एज, टेमासेक, टेनसेंट, टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशक है। कुछ समय पहले जारी इसके आईपीओ को बहुत अच्छा रिस्पांस मिला था। आईपीओ के जरिए मिली पूंजी का इस्तेमाल रणनीतिक निवेश, कॉर्पोरेट उद्देश्य और बिजनेस का विस्तार करने के लिए किया जाएगा।