देश में बिजली की खपत बढ़ी, पहले छह महीने में Power Consumption 8 फीसदी बढ़कर 847 बिलियन यूनिट हुई
देश में बिजली की खपत में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 के पहले छमाही में भारत में बिजली की खपत 8 फीसदी बढ़ गई है। बिजली की खपत में इजाफा देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी को दर्शाता है। बिजली मंत्रालय ने देश में बिजली की खपत को ठीक प्रकार से बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। (जागरण फाइल फोटो)
By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sun, 08 Oct 2023 12:16 PM (IST)
एजेंसी, नई दिल्ली। इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर तक भारत की बिजली खपत लगभग आठ फीसदी बढ़कर लगभग 847 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई। यह देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी को दर्शाता है।
सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितंबर 2023 के दौरान बिजली की खपत पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 786 बीयू से बढ़कर लगभग 847 बीयू हो गई।ऐसे में उद्योग विशेषज्ञों की राय है कि अप्रैल, मई और जून में व्यापक बेमौसम बारिश ने बिजली की खपत को प्रभावित किया है। अगर बे-मौसम बरसात नहीं होती है तो देश में बिजली की खपत की वृद्धि दोहरे अंक में हो सकती थी। इसके आगे वह कहते हैं कि असामान्य रूप से उच्च आर्द्रता स्तर के कारण अगस्त में बिजली की मांग के साथ-साथ खपत में भी मजबूत सुधार हुआ। इससे पंखे, कूलर और एयर कंडीशनर जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों का इस्तेमाल बढ़ गया।
आपको बता दें कि अगस्त और सितंबर में बिजली की खपत बढ़ी। इसकी वजह है कि आर्द्र मौसम की स्थिति और त्योहारी सीजन से पहले औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण।
बिजली खपत के आंकड़े
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि बिजली की अधिकतम मांग अप्रैल-सितंबर 2023 के दौरान 241 गीगावॉट के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में यह 215.88 गीगावॉट थी। बिजली की अधिकतम मांग जून में 224.1 गीगावॉट की नई ऊंचाई को छू गई, लेकिन जुलाई में गिरकर 209.03 गीगावॉट पर आ गई। अगस्त में अधिकतम बिजली की मांग 238.19 गीगावॉट तक पहुंच गई और इस साल सितंबर में लगभग 240 गीगावॉट की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई।
बिजली मंत्रालय ने अनुमान लगाया था कि गर्मियों के दौरान देश की बिजली की मांग 229 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी। बेमौसम बारिश के कारण अप्रैल-जुलाई में मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंची।इस साल मंत्रालय ने बिजली कटौती से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह फैसला 2023 में गर्मी के मौसम के दौरान देश में 229 गीगावॉट की उच्च बिजली मांग की आशंका की वजह से लिया गया था।
मंत्रालय ने देश में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आयातित कोयले से संचालित सभी संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए बिजली अधिनियम 2023 की धारा 11 लागू की थी। इसके अलावा, मंत्रालय ने सूखे ईंधन की किसी भी कमी से बचने के लिए घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को मिश्रण के लिए कोयले का आयात करना भी अनिवार्य कर दिया है।विशेषज्ञों ने कहा कि इन उपायों से देश में कोयले का आयात भले ही बढ़ गया हो, लेकिन देश में चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना जरूरी है। इस वित्तीय साल अगस्त, 2023 के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 424 गीगावॉट की बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की है। इसमें 206 गीगावॉट कोयला आधारित, 47 गीगावॉट बड़े पनबिजली और लगभग 132 गीगावॉट नवीकरणीय (सौर, पवन ऊर्जा) शामिल हैं।