आम जनता को मिलेगी बड़ी राहत! 100 से अधिक वस्तुओं पर GST घटाने की तैयारी
जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) ने आम जनता को राहत देने के लिए कई वस्तुओं पर टैक्स रेट कम करने पर विचार किया। इनमें साइकिल से लेकर बोतलबंद पानी तक कई चीजें हैं। सभी मंत्री इस बात पर एकमत दिखे कि जनता को राहत मिले। वहीं बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कम करने पर निर्णय लेने के लिए गठित मंत्रिसमूह की बैठक 19 अक्टूबर को होगी।
पीटीआई, नई दिल्ली। 100 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी दरों को घटाया जा सकता है। बुधवार को जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) ने इस मुद्दे पर विचार किया। बैठक में आम आदमी को राहत देने के लिए साइकिल और बोतलबंद पानी सहित कुछ अन्य वस्तुओं पर कर की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत पर भी चर्चा की गई। इस दौरान 12 प्रतिशत स्लैब में शामिल चिकित्सा और फार्मा से संबंधित वस्तुओं पर लगने वाले जीएसटी का मुद्दा भी उठा और इस पर आगे होने वाली बैठक में विस्तृत चर्चा करने पर सहमति भी बनी।
क्या सस्ता होगा, क्या महंगा?
अभी साइकिल और उसके पुर्जे और सहायक उपकरण पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि ई-साइकिल पर पांच प्रतिशत कर लगता है। बैठक में शामिल पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि कर की दर कम करने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सोडा वाटर और पेय पदार्थों सहित कुछ अन्य वस्तुओं पर कर की दरों को मौजूदा 28 प्रतिशत और उस पर लगने वाले उपकर को बढ़ाने की संभावना पर भी चर्चा की गई।
चंद्रिमा ने कहा कि आम आदमी द्वारा प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं पर कर की दरों को कम किया जाना चाहिए और खाद्य पदार्थों से जुड़ी चीजों को 12 प्रतिशत से पांच प्रतिशत के स्तर पर लाया जाना चाहिए।
टैक्स स्लैब में कमी को लेकर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। जीओएम में आम सहमति थी कि आम आदमी को राहत मिलनी चाहिए और इस बात पर भी सभी एकमत थे कि अगर आम आदमी से जुड़ी वस्तुओं पर कर की दरों को कम किया जाता है तो उससे होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए नए विकल्पों पर विचार करना चाहिए।
चंद्रिमा भट्टाचार्य, वित्त मंत्री, पश्चिम बंगाल
GST काउंसिल करेगी आखिरी फैसला
20 अक्टूबर को होने वाली बैठक के बाद जीओएम अपनी सिफारिशों को जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखेगा, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करती हैं। वर्तमान में जीएसटी प्रणाली एक चार स्तरीय कर संरचना है, जिसमें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की स्लैब हैं।हालांकि, जीएसटी कानून के अनुसार, वस्तुओं और सेवाओं पर 40 प्रतिशत तक का कर लगाया जा सकता है। जीएसटी के तहत आवश्यक वस्तुओं को या तो कर से छूट दी गई है या उन पर सबसे कम कर लगाया गया है। जबकि विलासिता से जुड़ी वस्तुओं पर सबसे अधिक 28 प्रतिशत जीएसटी और उपकर लगता है।