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सरकारी पूंजीगत खर्च व PLI से इंफ्रा पर निजी निवेश में भी होने लगी बढ़ोतरी, जानें क्या है अनुमान

सरकारी पूंजीगत खर्च व पीएलआई से इंफ्रा पर निजी निवेश में भी बढ़ोतरी होने लगी है। पिछले चार साल में इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के सरकारी खर्च में सालाना 25 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। आगामी वित्त वर्ष में पीएलआई स्कीम के तहत एक लाख करोड़ के पूंजीगत खर्च का अनुमान है।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 10 Jan 2023 09:37 PM (IST)
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इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के सरकारी खर्च में सालाना 25 फीसद की बढ़ोतरी

नई दिल्ली, राजीव कुमार। पिछले चार सालों से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर सरकारी खर्च और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम का असर अब निजी निवेश में दिखने लगा है। सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल-दिसंबर में 14.8 लाख करोड़ रुपये के नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई, जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि के मुकाबले 35 फीसद अधिक है। इस नई घोषणा में निजी निवेशकों की बड़ी हिस्सेदारी है।

सीएमआईई के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के मुकाबले 44 फीसद का इजाफा रहा। अक्टूबर-दिसंबर में निजी सेक्टर की तरफ की तरफ से 5.6 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई, जो दूसरी तिमाही के मुकाबले दोगुनी है।

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सरकारी पूंजीगत खर्च और पीएलआई स्कीम की वजह से चालू वित्त वर्ष से लेकर वित्त वर्ष 2026 तक पूंजीगत खर्च में लगातार बढ़ोतरी होती रहेगी। सरकार की तरफ से 14 सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम की घोषणा की गई है।

रिसर्च फर्म प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के मुताबिक पीएलआई स्कीम की वजह से चालू वित्त वर्ष से लेकर वित्त वर्ष 2026 तक मैन्यूफैक्चरिंग प्रोजेक्ट्स में 15-20 फीसद की सालाना बढ़ोतरी हो सकती है। प्रभुदास लीलाधर के रिसर्च हेड अमनीश अग्रवाल ने बताया कि पीएलआई स्कीम के तहत चालू वित्त वर्ष में 0.3 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में एक लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा।

वित्त वर्ष 2024-25 में यह 1.3 लाख करोड़ तो वित्त वर्ष 2025-26 में इस स्कीम के तहत 1.7 लाख करोड़ रुपए का निवेश हो सकता है। पीएलआई स्कीम की वजह से बियरिंग, कंस्ट्रक्शन उपकरण, मैटेरियल हैंडलिंग उपकरण, बॉयलर, हीटर, इंडस्ट्रीयल टूल्स, सेरामिक जैसी पूंजीगत वस्तुओं की मांग में भी बढ़ोतरी होगी।

जानकारों के मुताबिक, सड़क, रेलवे, रक्षा, टेलीकॉम जैसे इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर वित्त वर्ष 2018-19 से लेकर वित्त वर्ष 2022-23 तक हर साल 25 फीसद का इजाफा दिख रहा है। रेलवे, रक्षा, जल जीवन मिशन, रिन्युएबल एनर्जी पर आगे भी सरकारी खर्च बढ़ने का अनुमान है। इसके अलावा, सरकार आगामी बजट में और सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम की घोषणा कर सकती है, जिससे मैन्यूफैक्चरिंग निवेश में इजाफा होगा।

जानकारों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में तमाम चुनौतियों के बावजूद सात फीसद की विकास दर रहने के अनुमान के साथ घरेलू मांग में मजबूती से भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति निजी निवेशकों का भरोसा बढ़ता जा रहा है।

इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर विभिन्न सेक्टर में होने वाले सरकारी खर्च (सभी आंकड़े अरब रुपये में)

रक्षा सेक्टर में वित्त 2019 में 952, 2020 में 1111, 2021 में 1343 और 2022 में 1389 अरब रुपये खर्च हुए हैं।वहीं, 2023 में 1524 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है। सड़क व यातायात में वित्त वर्ष 2019 में 676, वित्त वर्ष 2020 में 684, 2021 में 892, 2022 में 1213 अरब रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 2023 में 1877 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है।

रेलवे सेक्टर में वित्त वर्ष 2019 में 528, 2020 में 678, 2021  में 1093 और 2022 में 1171 अरब रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 2023 में 1371 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है। आवास व शहरी विकास सेक्टर में वित्त वर्ष 2019 में 158, 2020 में 193, 2021 में 103 और 2022 में 260 अरब रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 2023 में 272 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है।

टेलिकॉम सेक्टर में वित्त वर्ष 2019 में 21, 2020 में 49, 2021 में 44 और 2022 में 55 अरब रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 2023 में 542 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है।  परमाणु ऊर्जा सेक्टर में वित्त वर्ष 2019 में 87, 2020 में 81, 2021 में 65 और 2022 में 146 अरब रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 2023 में 143 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है। वहीं, अन्य सेक्टर में वित्त वर्ष 2019 में 3052, 2020 में 3329, 2021 में 4226 और 2022 में 5983 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है।

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