Gold Loan Fraud पर वित्त मंत्रालय सतर्क, सरकारी बैंकों को गोल्ड लोन बुक्स की समीक्षा करने के दिए निर्देश
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों के प्रमुखों को पत्र लिखा है। इस पत्र में विभाग ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वह गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की समीक्षा करें। दरअसल विभाग को नियामक मानदंडों का अनुपालन के मामले देखने को मिला है। इन मामलों को देखने के बाद विभाग ने सभी पीएसयू बैंक को यह निर्देश दिया।
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिया है कि वह गोल्ड लोन पोर्टफोलियो (Gold Loan Portfolio) की समीक्षा करें। दरअसल, मंत्रायल ने नियामक मानदंडों का अनुपालन न करने के मामले देखें हैं। इसके बाद वित्त मंत्रायल ने सभी पीएसयू बैंक को यह निर्देश दिया।
वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों के प्रमुखों को एक संबोधित पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने गोल्ड लोन (Gold Loan) से संबंधित अपनी सिस्टम और प्रोसेस पर गौर करने को कहा है।वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने पीटीआई एजेंसी को बताया कि हमने बैंकों से गोल्ड लोन कारोबार की व्यापक समीक्षा करने को कहा है।
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पिछले महीने भी इस संबंध में एक निर्देश जारी हुआ था। इसमें बैंक को शुल्क और ब्याज के कलेक्शन और गोल्ड लोन अकाउंट को बंद करने से संबंधित विसंगतियों को ठीक करने की सलाह दी गई थी।वित्त मंत्रालय द्वारा दिये गए पत्र में विभिन्न चिंताओं को उजागर किया गया है। इसमें अपेक्षित स्वर्ण संपार्श्विक (Requisite Gold Collateral) के बिना गोल्ड लोना का वितरण, चार्ज का कलेक्शन और कैश में रिपेमेंट के संबंध में विसंगतियां शामिल हैं।
डीएफएस ने बैंकों से 1 जनवरी, 2022 से 31 जनवरी, 2024 तक पिछले दो साल की अवधि की गहन समीक्षा करने का आग्रह किया। इस समीक्षा से यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी गोल्ड लोन बैंकों की नियामक आवश्यकताओं और आंतरिक नीतियों के पालन के तहत ही दिया गया है।