Quant Mutual Fund पर सेबी का एक्शन! निवेशकों पर क्या होगा असर, फंड हाउस ने क्या कहा?
कैपिटल रेगुलेटर सेबी ने फ्रंट रनिंग (Front Running) के आरोप में क्वांट म्यूचुअल फंड के खिलाफ कथित तौर पर कुछ एक्शन लिया है। इसमें ठिकानों की तलाशी और जब्ती ऑपरेशन चलाने की बात भी शामिल हैं। इस मामले पर क्वांट की सफाई भी आई है। आइए जानते हैं कि सेबी के एक्शन की सूरत में निवेशकों पर क्या असर पड़ सकता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant Mutual Fund) ने पिछले कुछ साल में हैरतंगेज रिटर्न देकर निवेशकों के बीच पहचान बनाई। इस फंड हाउस में लाखों लोग सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए पैसे लगाते हैं। लेकिन, अब क्वांट म्यूचुअल फंड मुश्किलों में घिरता नजर आ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैपिटल रेगुलेटर सेबी ने फ्रंट रनिंग (Front Running) के आरोप में क्वांट म्यूचुअल फंड के खिलाफ कथित तौर पर कुछ एक्शन लिया है। इसमें ठिकानों की तलाशी और जब्ती ऑपरेशन चलाने की बात भी शामिल हैं। इस मामले पर क्वांट की सफाई भी आई है।
क्वांट म्यूचुअल फंड ने क्या कहा
क्वांट ने अपने निवेशकों को भेजे एक नोट में कहा, 'हमारी पॉलिसी है कि हम मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी नहीं करते। लेकिन, हम अपने सभी हितधारकों के साथ पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन कुछ बिंदुओं को स्पष्ट कर रहे हैं।'क्वांट ने स्वीकार किया कि सेबी ने उससे इंक्वायरी की है। हालांकि, अपने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि वह एक रेगुलेटेड एंटिटी है और वह किसी भी 'रिव्यू' के दौरान कैपिटल रेगुलटर का सहयोग करना जारी रखेगी। उसने कहा कि हम जरूरत के मुताबिक सेबी जरूरी डेटा उपलब्ध कराते रहेंगे।
क्या होती है फ्रंट रनिंग?
क्वांट पर फ्रंट रनिंग का आरोप है। फ्रंट रनिंग असल में भेदिया कारोबार (Insider Trading) और मार्केट हेरफेर (Market Manipulation) का ही एक रूप है। इसमें फंड मैनेजर या ब्रोकर को आने वाली बड़ी डील की जानकारी होती है। इसका फायदा उठाकर वे डील होने से पहले अपने व्यक्तिगत खाते से उस कंपनी के शेयर खरीद लेते हैं और जब शेयर बढ़ता है, तो वे उसे बेचकर तगड़ा मुनाफा कमाते हैं।
मिसाल के लिए, मान लीजिए कि कोई फंड हाउस है, विनायक फंड। उसे अपनी रिसर्च से पता चलता है कि किसी एक स्मॉल कैप कंपनी के शेयर काफी सस्ते हैं और उसके ऊपर जाने की संभावना काफी अधिक है। विनायक फंड उस कंपनी में निवेश का फैसला करता है।यह बात उसके फंड मैनेजर और दूसरे वरिष्ठ कर्मचारियों को पता होगी। ऐसे में वे पहले ही अपने पर्सनल डीमैट अकाउंट से उस शेयर को खरीद सकते हैं। जब फंड के निवेश की बात सार्वजनिक होगी, तो उस कंपनी के शेयर बढ़ेंगे। इससे उन्हें व्यक्तिगत तौर पर भारी मुनाफा होगा।